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नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बीच भारत सतर्क, व्यापार और आपूर्ति पर रखी जा रही है नजर

नेपाल  में राजनीतिक संकट के बीच देश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। राजधानी काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में बीते दिनों हुए प्रदर्शन और असंतोष के बाद यह फैसला लिया गया है। भारत सरकार ने कहा है कि वह नेपाल की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है और आवश्यकतानुसार कदम उठाए जाएंगे।

नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा है और दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा-पासपोर्ट के एक-दूसरे के क्षेत्र में जा सकते हैं। भारत में 35 लाख से अधिक नेपाली नागरिक काम करते हैं। भारत की सेना में भी हजारों गोरखा सैनिक सेवाएं दे रहे हैं।

भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024 में भारत ने नेपाल को 7.0 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया और नेपाल से 0.83 अरब डॉलर का आयात किया। मुख्य निर्यात वस्तुओं में पेट्रोलियम उत्पाद, वाहन, बिजली के उपकरण, खाद्य सामग्री और मशीनरी शामिल हैं। नेपाल से भारत को जूट, वनस्पति तेल, कॉफी-चाय, मसाले और लकड़ी के उत्पाद का आयात होता है। भारत की कई बड़ी कंपनियों — जैसे ITC, डाबर, यूनिलीवर, देवयानी इंटरनेशनल — की नेपाल में यूनिट्स हैं।

भारत से नेपाल को जाने वाला अधिकतर सामान सड़क मार्ग से जाता है। नेपाल के पास कोई समुद्री बंदरगाह नहीं है। रक्सौल-बीरगंज, सोनौली-भैरहवा, जोगबनी-बिराटनगर और रूपईडीहा-नेपालगंज व्यापार के प्रमुख प्रवेश बिंदु हैं।

जानकारों का कहना है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है, तो इन ट्रेड रूट्स पर रुकावट आ सकती है, जिससे खराब होने वाले सामान, दवाइयां और औद्योगिक उत्पादों की आपूर्ति पर असर पड़ेगा।

भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी आपात स्थिति की आशंका नहीं है, लेकिन वाणिज्य और विदेश मंत्रालय सतर्क हैं। सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स से लगातार संपर्क बनाए रखा है और ज़रूरत पड़ने पर त्वरित कदम उठाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है।

2024 में 3 लाख से अधिक भारतीयों ने नेपाल यात्रा की, जबकि 2 लाख से ज्यादा नेपाली नागरिक भारत आए। दोनों देशों के बीच प्रतिदिन 10 उड़ानें संचालित हो रही हैं। धार्मिक पर्यटन और पारिवारिक संबंधों की वजह से दोनों देशों के बीच संपर्क बेहद घनिष्ठ है।