चांदी बनी निवेशकों की नई पसंद, सोने में अब सावधानी जरूरी: अजय केडिया

कीमती धातुओं में लगातार तेजी के बीच केडिया एडवाइजरी के प्रमुख अजय केडिया ने निवेशकों को सोने के मौजूदा स्तर पर निवेश को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सोना पहले ही पिछले 12 महीनों में 50% तक का रिटर्न दे चुका है और अब इसकी कीमतें उच्चतम स्तरों के आसपास चल रही हैं।

केडिया ने कहा, “कोई शक नहीं कि सोना एक सुरक्षित निवेश है, लेकिन जब किसी एसेट ने कम समय में इतना रिटर्न दे दिया हो, तो आगे के निवेश में सावधानी बरतनी चाहिए। फिलहाल सोने की कीमतों में यदि 8-10% की गिरावट आती है, तभी इसे खरीदने लायक माना जा सकता है।”

अप्रैल 2025 में सोना लगभग 10% टूटा, जब यह 3,500 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से गिरकर 3,120 डॉलर पर आ गया। यह संकेत है कि बाजार में करेक्शन संभव है, और भावनात्मक निवेश से बचना चाहिए।

चांदी के प्रति उत्साह जताते हुए केडिया ने इसे सोने से ज्यादा आकर्षक विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि चांदी को ‘गरीब आदमी का सोना’ कहा जाता है, लेकिन अब यह धातु औद्योगिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।

“सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और अन्य ग्रीन टेक्नोलॉजी में चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है। इससे इसकी कीमतों में आगे बड़ी बढ़त की संभावना बनती है,” – अजय केडिया

उन्होंने बताया कि 1980 और 2011 में चांदी 50 डॉलर प्रति औंस तक गई थी। अगर वह स्तर फिर से आता है और रुपया कमजोर रहता है, तो भारत में चांदी की कीमत 145 रुपये प्रति ग्राम तक जा सकती है।

📊 सोना-चांदी बनाम शेयर बाजार

  • एसेट 12 महीनों का रिटर्न
  • सोना 🔼 +50%
  • चांदी 🔼 +45%
  • NSE निफ्टी 🔽 -3.16%

इस तुलना से साफ है कि कीमती धातुओं ने इक्विटी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। निफ्टी जहां इस साल सिर्फ 6% ऊपर गया, वहीं सोना-चांदी ने लगभग 50% तक का रिटर्न दिया।

🎯 निवेशकों के लिए केडिया की सलाह:

  • सोने में नई खरीदारी से पहले करेक्शन का इंतजार करें
  • चांदी में दीर्घकालिक निवेश की अच्छी संभावना
  • पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन जरूरी – सिर्फ इक्विटी पर निर्भर न रहें
  • त्योहारी सीजन में बढ़ती मांग के बीच बिना रिसर्च निवेश न करें