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प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार के मंत्रियों ने समय पर कैबिनेट का एजेंडा न मिलने का मसला उठाया।

कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने एजेंडा देरी से मिलने पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि इससे उन्हें बैठक में लाए जाने विषयों की जानकारी विलंब से मिलती है। इसका असर कैबिनेट में लिए जाने वाले फैसलों पर पड़ता है।

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार के मंत्रियों ने समय पर कैबिनेट का एजेंडा न मिलने का मसला उठाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी मंत्रियों को बैठक से 48 घंटे पहले एजेंडा मिल जाना चाहिए।

कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने एजेंडा देरी से मिलने पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि इससे उन्हें बैठक में लाए जाने विषयों की जानकारी विलंब से मिलती है। इसका असर कैबिनेट में लिए जाने वाले फैसलों पर पड़ता है।उत्तर प्रदेश सचिवालय अनुदेश 1982 के नियम 11(2) के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक से दो दिन पूर्व मंत्रियों को एजेंडा प्राप्त हो जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, अब मंत्रिपरिषद अनुभाग की ओर से सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों को समय पर कैबिनेट नोट भेजने के निर्देश जारी होंगे। कई विभाग कैबिनेट बैठक से ऐन पहले अपने प्रस्ताव मंत्रिपरिषद विभाग को भेजते हैं।

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