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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रतियोगी परीक्षाओं का समय घटाने पर कर रहा विचार

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रतियोगी परीक्षाओं का समय घटाने पर कर रहा विचार

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रतियोगी परीक्षाओं का समय घटाने पर विचार कर रहा है। आयोग परीक्षा का समय दो घंटा से घटाकर डेढ़ घंटा करना चाहता है। इसके लिए इसी माह आयोग के सदस्यों की बैठक होगी। इसमें ज्यादातर सदस्य अगर परीक्षा का समय घटाने पर राजी हुए और विशेषज्ञों ने इसे सहमति दी तो आयोग इस दिशा में कार्रवाई के लिए सरकार को अपने निर्णय से अवगत कराएगा। नया परीक्षा सिस्टम तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि आयोग हर वर्ष 15 से 18 विभागों में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है। इन भर्ती परीक्षाओं को समय पर करवाने के लिए आयोग विचार कर रहा है कि हर परीक्षा दो के बजाय डेढ़ घंटे में संपन्न करवाई जाए। इसके लिए प्रश्नपत्र के प्रारूप में भी बदलाव किया जा सकता है। 100 के स्थान पर 80 बहुविक्लपीय प्रश्न दिए जा सकते हैं। इससे एक दिन में तीन पालियों में परीक्षा आयोजित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते मार्च से जुलाई के बीच प्रस्तावित सभी भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं। पटवारी, प्रयोगशाला सहायक, बंदीरक्षक की भर्ती की विज्ञप्ति भी रोक दी गई है। इन रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जुलाई के बाद जारी की जाएगी ।

दसवीं के बाद अब केंद्र सरकार ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी निरस्त कर दी हैं। इसके बाद से अभिभावक लगातार बोर्ड परीक्षा के लिए वसूली गई फीस वापस करने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को नेशनल एसोसिएशन फार पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स ने ऑनलाइन बैठक कर देशभर के अभिभावकों से इस संबंध में चर्चा की। अभिभावकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बोर्ड परीक्षा के लिए वसूली गई एवं कोरोनाकाल में वसूली जा रही अतिरिक्त फीस वापस करवाने के आदेश जारी करने की मांग की

एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि देशभर के लाखों छात्र-छात्राओं से करोड़ों रुपये फीस बोर्ड परीक्षा के नाम पर वसूली जा चुकी है। अब बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो रही तो अभिभावकों से वसूली गई फीस वापसी के लिए भी सरकार को कदम उठाना चाहिए। इस मुश्किल दौर में कई अभिभावक आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिन्होंने बड़ी मुश्किल से यह पैसे जमा किया है। अगर केंद्र सरकार ऐसे अभिभावकों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड परीक्षा के लिए वसूली गई फीस वापसी के आदेश जारी कर दे तो लाखों अभिभावकों को सहूलियत मिलेगी।

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