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प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे राष्ट्र को संबोधित, जीएसटी दरों से लेकर ‘वोट चोरी’ तक कई मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम 5 बजे एक बार फिर देश को संबोधित करेंगे। पिछले 36 दिनों में यह उनका दूसरा राष्ट्र के नाम संबोधन होगा। ऐसे में यह भाषण राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।

यह संबोधन ऐसे समय पर हो रहा है जब एक ओर देश में नई जीएसटी दरें सोमवार से लागू होने जा रही हैं, वहीं अमेरिका के साथ टैरिफ और H-1B वीजा विवाद ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ा दिया है। साथ ही, विपक्ष के हमलों के चलते देश की आंतरिक राजनीति भी गर्माई हुई है।

जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी अपने संबोधन की शुरुआत जीएसटी की नई दरों से कर सकते हैं। सरकार इसे एक सकारात्मक आर्थिक कदम के तौर पर जनता के सामने पेश करना चाहती है। अनुमान है कि प्रधानमंत्री बताएंगे कि ये दरें कैसे व्यापार, उपभोक्ताओं और मध्यम वर्ग के लिए राहत लेकर आएंगी।

अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने और H-1B वीजा नियमों को सख्त करने के चलते भारत-अमेरिका संबंधों में खटास आई है। पीएम मोदी इस विषय पर भी अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं और बता सकते हैं कि भारत इस चुनौती का किस तरह मुकाबला कर रहा है। यह बयान वैश्विक मंच पर भारत की मजबूती दर्शाने का प्रयास हो सकता है।

तीन दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए ‘जेन-जी’ (Gen-Z) युवाओं से संविधान बचाने की अपील की थी। बीजेपी ने इसे ‘देश की संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश’ बताया था। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस पर परोक्ष या प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया देते हुए कह सकते हैं कि “लोकतंत्र पर सवाल उठाना देश की संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास है।”

राहुल गांधी के ‘जेन-जी’ को लेकर दिए गए बयान के जवाब में पीएम मोदी खुद भी युवाओं को संबोधित कर सकते हैं। वे बता सकते हैं कि सरकार युवाओं के लिए क्या योजनाएं चला रही है — जैसे कि स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और नई शिक्षा नीति। यह युवाओं को विपक्ष के आरोपों से हटाकर सरकार के विकासवादी एजेंडे से जोड़ने का प्रयास हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह संबोधन सिर्फ नीतिगत घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगा। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह एक साफ राजनीतिक रणनीति भी हो सकती है। पीएम मोदी विपक्ष पर हमला बोलते हुए यह संदेश दे सकते हैं कि “देश की संस्थाओं पर हमला लोकतंत्र पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”