“एक सच्चा साहित्यकार कभी अपने सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से निरपेक्ष नहीं रह सकता।

जबलपुर, 18 मार्च। “एक सच्चा साहित्यकार कभी अपने सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से निरपेक्ष नहीं रह सकता। ऐसे लेखकों की रचनाएं न सिर्फ समकालीन समाज के लिए दर्पण का काम करती हैं, बल्कि आने वाले समय को बेहतर बनाने का मार्ग भी सुझाती हैं। साहित्य का लक्ष्य ही लोकमंगल है।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान
Complete Reading