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युद्धविराम के बाद भी गाज़ा में नहीं थमी हिंसा: हमास और दुघमुश कबीले के बीच सत्ता संघर्ष, 27 की मौत

गाज़ा सिटी, 13 अक्टूबर 2025
इज़रायल और हमास के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम से भले ही बाहरी हमलों पर रोक लगी हो, लेकिन गाज़ा के भीतर शांति अब भी दूर की बात लगती है। शनिवार देर रात गाज़ा के तेल अल-हवा इलाके में हमास और दुघमुश कबीले के बीच हुए भीषण संघर्ष ने इस क्षेत्र की नाजुक स्थिति को उजागर कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, झड़प में कम से कम 27 लोग मारे गए, जिनमें 8 हमास फाइटर और 19 दुघमुश लड़ाके शामिल हैं।

इस संघर्ष ने इज़रायल के साथ हालिया युद्धविराम की सफलता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। एक ओर इज़रायल को उम्मीद है कि सोमवार से उसके कैदियों की वापसी शुरू हो सकेगी, वहीं गाज़ा में हमास और स्थानीय कबीलों के बीच हिंसक टकराव ने वहां की स्थिति को और जटिल बना दिया है।

हमास ने हाल ही में लगभग 7,000 सुरक्षा कर्मियों को फिर से सक्रिय किया है ताकि युद्ध के दौरान छूटे इलाकों पर दोबारा नियंत्रण हासिल किया जा सके। इन सुरक्षा बलों में कई पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं जिन्हें ‘गवर्नर’ नियुक्त किया गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमास अब गाज़ा को “अपराधियों और इज़रायल समर्थक तत्वों से मुक्त करने” के मिशन पर है।

गाज़ा का दुघमुश कबीला लंबे समय से हथियारबंद और स्वतंत्र रूप से प्रभावशाली रहा है। उनका हमास के साथ वर्षों से तनाव रहा है, और कई बार दोनों गुटों के बीच खूनी संघर्ष हो चुके हैं। इस बार संघर्ष तब शुरू हुआ जब दुघमुश कबीले के लड़ाकों ने हमास के दो लड़ाकों पर गोली चला दी, जिनमें से एक हमास के वरिष्ठ खुफिया प्रमुख का बेटा था।

इसके जवाब में हमास ने 300 से अधिक लड़ाकों के साथ कबीले की छिपने की जगह पर धावा बोला। यह जगह पहले जॉर्डनियन अस्पताल हुआ करती थी, जिसे कबीले के लोगों ने शरण स्थल के रूप में इस्तेमाल किया हुआ था।

हमास के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि यह ऑपरेशन एक “गैरकानूनी मिलिशिया” के खिलाफ था और इसे सख्ती से कुचला जाएगा। वहीं दुघमुश कबीले का कहना है कि हमास उनकी बिल्डिंग पर कब्जा करना चाहता था और जब उन्होंने विरोध किया तो यह टकराव हुआ।

इस पूरे संघर्ष का सबसे दुखद पहलू यह है कि आम नागरिक, जो पहले ही इज़रायली हमलों से पीड़ित हैं, अब अपने ही लोगों के बीच की लड़ाई का शिकार हो रहे हैं। कई परिवारों ने बताया कि उन्हें फिर से अपना घर छोड़ना पड़ा।

“हम तो यही सोच रहे थे कि अब शांति होगी… लेकिन अब हमें अपने ही लोगों से डर लग रहा है,” एक विस्थापित महिला ने रोते हुए कहा।

हमास की कोशिश है कि वह गाज़ा पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित करे, लेकिन दुघमुश जैसे कबीले उसकी राह में चुनौती बने हुए हैं।

इस संघर्ष से साफ है कि युद्धविराम के बावजूद गाज़ा भीतर से टूट रहा है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह एक संकेत है कि गाज़ा का स्थायी समाधान केवल बाहरी युद्ध रोकने से नहीं, बल्कि आंतरिक स्थिरता सुनिश्चित करने से आएगा।