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ट्रंप-शी मुलाकात से दुनिया में हलचल, 10% घटा फेंटानाइल टैरिफ, सुलझे व्यापारिक मतभेद

बुसान (दक्षिण कोरिया):
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनावपूर्ण रिश्तों में अब नरमी के संकेत दिखाई देने लगे हैं। छह साल बाद दोनों देशों के शीर्ष नेता — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग — आमने-सामने मिले।
दक्षिण कोरिया के बुसान एयरपोर्ट पर हुई यह मुलाकात करीब 100 मिनट चली और इसे दोनों देशों के बीच नई आर्थिक शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

मुलाकात के बाद ट्रंप ने ऐलान किया कि चीन से आने वाले उत्पादों पर अमेरिका का औसत टैरिफ 57% से घटाकर 47% किया जा रहा है।
यह कदम दोनों देशों के बीच पिछले कई वर्षों से चल रहे ट्रेड वॉर को शांत करने की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।

ट्रंप ने कहा,

“हमने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। यह मुलाकात बेहद सफल रही और मुझे पूरा विश्वास है कि इससे दोनों देशों को फायदा होगा।”

ट्रंप ने बताया कि चीन से आने वाले फेंटानाइल उत्पादों पर पहले लगाया गया 20% का टैरिफ घटाकर अब 10% कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग ने फेंटानाइल की अवैध तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का भरोसा दिया है।
फेंटानाइल एक खतरनाक सिंथेटिक ड्रग है, जिससे अमेरिका में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।

इस मुलाकात का सबसे बड़ा नतीजा रहा सोयाबीन डील।
टैरिफ में ढील देने के बदले चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की बड़ी मात्रा खरीदने पर सहमति जताई है।
अमेरिकी कृषि क्षेत्र के लिए यह समझौता बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

बैठक में दोनों देशों ने एक वर्षीय “दुर्लभ मृदा खनिज आपूर्ति समझौते” (Rare Earth Agreement) पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
ट्रंप के अनुसार, यह समझौता हर साल नवीनीकृत किया जाएगा और इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उद्योग और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक कच्चे माल की वैश्विक आपूर्ति को स्थिर करना है।

दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर और चिप तकनीक के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी बातचीत की।
हालांकि ट्रंप ने स्पष्ट किया कि “ब्लैकवेल चिप्स” या टिकटॉक पर कोई चर्चा नहीं हुई।
ताइवान के मुद्दे पर भी बात नहीं की गई।

ट्रंप ने बैठक के बाद कहा,

“शी जिनपिंग बहुत सख्त वार्ताकार हैं, लेकिन हमने कई अहम मुद्दों पर सहमति बनाई है। यह पूरी दुनिया के लिए अच्छा है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि वे अप्रैल 2026 में बीजिंग का दौरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग भी जल्द अमेरिका की यात्रा करेंगे।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच हाल ही में टैरिफ, तकनीकी नियंत्रण और निर्यात प्रतिबंधों को लेकर तनातनी बढ़ गई थी।
अब इस मुलाकात को दुनिया भर के विश्लेषक ट्रेड वॉर के शांत होने का संकेत मान रहे हैं।
अगर ये समझौते आगे लागू होते हैं, तो इसका असर वैश्विक बाजार, कृषि, और टेक उद्योग पर सकारात्मक पड़ सकता है।

ट्रंप और शी जिनपिंग की 100 मिनट की यह मुलाकात न सिर्फ अमेरिका-चीन रिश्तों में नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसने दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि संवाद और सहयोग ही आगे का रास्ता है।