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ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ से दांव पर उत्तराखंड कारोबारियों के 200 करोड़, इन सेक्टर्स पर खतरा

अमेरिकी टैरिफ से उत्तराखंड के कारोबारियों का 200 करोड़ से अधिक का निर्यात प्रभावित होने की आशंका है। राज्य से अमेरिका को जो उत्पाद सबसे अधिक भेजे जाते हैं उनमें हैंडीक्राफ्ट और आर्टिफीशियल ज्वैलरी शाामिल हैं।अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का 50 फीसदी टैरिफ भारत में आज से लागू हो गया है। इसका असर देशभर में देखने को मिल रहा है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की बात करें तो हैंडीक्राफ्ट और आर्टिफिशियल ज्वैलरी सेक्टर पर सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है, जिससे राज्य का करीब 200 करोड़ रुपये का सालाना निर्यात दांव पर लग गया है। देहरादून और हरिद्वार की यूनिट्स में छंटनी की आशंका गहराई है, जबकि कारोबारी सरकार से प्रोत्साहन और नए बाजार तलाशने की मांग कर रहे हैं।इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के आंकड़ों के अनुसार राज्य के देहरादून और हरिद्वार में करीब एक दर्जन ऐसी यूनिट हैं जो हैंडीक्राफ्ट, आभूषण और इंजीनिरिंग वस्तुएं अमेरिका को बेचती हैं। इनका सालाना निर्यात 200 करोड़ के करीब है। ऐसे में यह कारोबार प्रभावित होने की आशंका है। दरअसल टैरिफ से भारत में बना सामान अमेरिका में महंगा हो जाएगा। जिससे वहां ग्राहकों के लिए यह उत्पाद खरीद पाना मुश्किल हो जाएगा और बिक्री बुरी तरह प्रभावित होगी।ऐसे में कंपनियों के सामने अपना उत्पादन कम करने के अलावा फिलहाल कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। कारोबारी दूसरे बाजार तलाश कर रहे हैं लेकिन इसमें भी काफी समय लगता तय है। देहरादून की एक यूनिट में काम करने वाले रजत ग्रोवर ने बताया कि टैरिफ से कंपनी में डर का माहौल है। कर्मचारियों में छंटनी का डर है।

कारोबारियों को प्रोत्साहित
अमेरिकी टैरिफ लागू होने के बाद अब कारोबारी केंद्र सरकार से प्रोत्साहन की मांग कर रहे हैं। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से निर्यात बुरी तरह प्रभावित होंगे। ऐसे में सरकार को इनके लिए इंसेटिव या प्रोत्साहन योजना लागू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार में यहां के उत्पाद की बिक्री जारी रखने के लिए कीमत बढ़ने से रोकनी होगी। यह तभी संभव है जब सरकार कारोबारियों को इंसेटिव, प्रोत्साहन या फिर सब्सिडी दे। ताकि उन्हें अपने उत्पाद की कीमत न बढ़ानी पड़े और वह बाजार में टिके रह सकें। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उद्योगपति राजीव अग्रवाल ने भी कहा कि कारोबारियों को बचाने के लिए सरकार को प्रोत्साहन नीति लागू करनी चाहिए। इसके साथ ही अमेरिका के बाहर नए मार्केट की तलाश के लिए व्यापार समझौतें के प्रयास होने चाहिए।40 करोड़ के ऑर्डर अटके
अमेरिकी टैरिफ लगने के बाद धर्मनगरी की विभिन्न कंपनियों के चालीस करोड़ से अधिक के आर्डर अटक गए हैं। ट्रंप की घोषणा के बाद जुलाई में अमेरिकी कंपनियों ने भारत के उत्पादनों को होल्ड कर दिया था। इस कारण जिले की कंपनियों में बीते दो महीनों से कैश फ्लो ठप हो गया है। बता दें कि जिले में हैंडीक्राफ्ट के साथ ही वैदर इंस्ट्रूमेंट सेक्टर पर भी इसका असर पड़ेगा। अधर स्थानीय कारोबारियों ने सरकार से टैरिफ के बुरे प्रभाव से बचने के लिए प्रोत्साहन योजना लागू करने की मांग की है। इसके साथ ही निर्यात के लिए अन्य विकल्पों की तलाश का भी अनुरोध किया गया है।