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राष्ट्रपति भवन में गूंजीं तालियाँ: सी. पी. राधाकृष्णन बने देश के 15वें उपराष्ट्रपति

देश के इतिहास में शुक्रवार का दिन एक नया अध्याय जोड़ गया, जब वरिष्ठ भाजपा नेता सी. पी. राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली।
राष्ट्रपति भवन का भव्य दरबार हाल खचाखच भरा हुआ था, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। जैसे ही शपथ पूरी हुई, पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

सबसे खास नज़ारा था पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का, जो अपनी पत्नी के साथ पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे। वे लगातार तालियाँ बजाकर अपने उत्तराधिकारी का स्वागत करते नजर आए। उनके पास बैठे थे देश के दो और पूर्व उपराष्ट्रपति – वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी, जो इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

राजनीतिक हलकों में भी इस समारोह को लेकर चर्चा रही। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समारोह में शामिल होकर विपक्ष की ओर से प्रतिनिधित्व किया। हालांकि राहुल गांधी की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे गुजरात दौरे पर व्यस्त थे।

सी. पी. राधाकृष्णन की यह पदोन्नति सिर्फ एक राजनीतिक जीत नहीं है, बल्कि दक्षिण भारत की नई भूमिका का संकेत भी है। तमिलनाडु से आने वाले राधाकृष्णन, वर्षों से भाजपा संगठन और समाज सेवा से जुड़े रहे हैं। एक सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले इस नेता के लिए यह पद सम्मान के साथ ज़िम्मेदारी भी है।

शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में राधाकृष्णन ने कहा, “मैं इस पद को जनसेवा का एक नया माध्यम मानता हूं। सभी दलों के साथ मिलकर संसद की गरिमा को बनाए रखना मेरा प्रमुख उद्देश्य रहेगा।”