उत्तर भारत में हो रही लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी का रौद्र रूप मथुरा-वृंदावन में कहर बनकर टूटा है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 166.56 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
यमुना के बढ़ते जलस्तर ने 23 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिनमें 13 गांव पूरी तरह जलमग्न होकर टापू बन गए हैं। नौहझील, मांट, छाता क्षेत्र के कई गांवों में पानी इस कदर भर गया है कि लोग नावों के सहारे सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
मथुरा और वृंदावन की भक्ति विहार, श्रीजी वाटिका, मोहिनी नगर, केशव नगर जैसी कॉलोनियों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। कई घरों में पानी घुस गया है और लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं।
जिला प्रशासन की ओर से अब तक 1500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। नावों और स्टीमर की मदद से लोगों को शेल्टर होम तक पहुंचाया जा रहा है। शाहपुर, धानौता, गुलालपुर और नगला नंदी गांवों में चार राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां खानपान, दवाइयां और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए वृंदावन के प्रमुख घाटों को बंद कर दिया गया है। पुलिस और पीएसी की टीमें तैनात हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। डीएम चंद्रप्रकाश सिंह, एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश चौधरी खुद नाव के जरिए बाढ़ग्रस्त गांवों में पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। देवराहा बाबा आश्रम के महंत देवदास ने विधायक की उपस्थिति को सराहनीय बताया और प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की।
बाढ़ का कहर केवल घरों और सड़कों तक सीमित नहीं है, खेतों में खड़ी फसलें भी जलमग्न हो गई हैं। धान, बाजरा, ज्वार जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। पशुओं के लिए चारे की किल्लत से ग्रामीण और परेशान हैं।
महावन क्षेत्र में लाडली कुंड और पार्क भी यमुना जल से भर चुके हैं। रावल, बहटा, चमन गढ़ी, नगला सपेरा जैसे गांवों में भी प्रशासन लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है।
प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो दिनों में जलस्तर और बढ़ सकता है। ऐसे में लोगों को निचले इलाकों से तुरंत निकलने की सलाह दी गई है।
“सभी बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। हम स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।”
— वैभव गुप्ता, उपजिलाधिकारी, मथुरा