देहरादून, 12 अक्टूबर:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून स्थित जीएमएस रोड पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के दीपावली मेले में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने वैश्य समाज की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक है और राष्ट्र की आर्थिक एवं सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने समाज को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व अंधकार से प्रकाश और बुराई से अच्छाई की ओर जाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने महाराजा अग्रसेन को नमन करते हुए कहा कि वैश्य समाज ने सदियों से देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
धामी ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा आयोजित यह मेला केवल व्यापार को ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और लोकसंस्कृति के संरक्षण को भी प्रोत्साहित करता है।”
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाओं जैसे ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘लोकल फॉर वोकल’ की चर्चा करते हुए लोगों से अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की सांस्कृतिक पहचान और जनसंख्या संतुलन को बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प है।
उन्होंने जानकारी दी कि:
लैंड जिहाद के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है।
प्रदेश में 550 अवैध मजारों और 2 अवैध मस्जिदों को हटाया गया है।
‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत सनातन संस्कृति को बदनाम करने वाले पाखंडियों पर भी सख्त कार्रवाई जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने वैश्य समाज से आह्वान किया कि वे सरकार के साथ मिलकर इस मिशन को सफल बनाएं।
इस मौके पर विधायक विनोद चमोली, खजान दास, प्रेमचंद अग्रवाल, देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल, व्यापारियों और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।