Uttarakhand online news
सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यबनाथ) ने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले हर डॉक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा. योगी ने आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ”सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले हर डॉक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा. इसके लिए इन डॉक्टरों से बॉन्ड भरवाया जा रहा है.” उन्होंने कहा, ”एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टर भी एक साल के लिए अनिवार्य रूप से गांव में काम करेंगे. इतना ही नहीं, इंटर्नशिप के लिए कोई सरकार को मजबूर नहीं करेगा.” योगी ने कहा कि वर्ष 1947 से 2012 तक 12 मेडिकल कॉलेज बने थे. 15 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए हम काम कर रहे हैं. सात नए मेडिकल कॉलेज इस दौरान खोल दिए गए हैं. हर जिले में ‘लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस’ दी गई है. यह लोगों की जिंदगी बचाने का काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोग नियंत्रण में अच्छा काम किया है. आयुष्मान भारत योजना के पात्रों को लाभ पहुंचाने का काम विभाग ने ठीक से किया है. सामाजिक सुरक्षा की इतनी बड़ी गारंटी आजादी के बाद पहली बार लोगों को मिली है. यह दुनिया की सबसे बड़ी आरोग्य योजना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 46.86 ‘गोल्डन कार्ड’ बनाए गए.
मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत 1.89 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड प्राप्त हुआ. कई जिलों में बेहतर काम हुआ है तो कई जिलों में कार्य की गति धीमी है. जनहित और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए सभी को कार्य करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत एक वर्ष में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत कुल 1910 चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया जा चुका है, जिनमें से 25 मेडिकल कॉलेज हैं. इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से लाभार्थी पूरे देश में कहीं भी लाभ ले सकता है.