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देश में एंग्लोइंडियन की जनगणना पर उठे सवाल; देशभर में मात्र 296 एंग्लोइंडियन

देश में एंग्लोइंडियन की जनगणना पर उठे सवाल; देशभर में मात्र 296 एंग्लोइंडियन

देश में एंग्लोइंडियन की जनगणना पर सवाल खड़े हो गए हैं। विस के विशेष सत्र के दौरान संसदीय कार्यमंत्री ने जब बताया कि देशभर में मात्र 296 एंग्लोइंडियन है तो विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक भी हैरान रह गए।

इस पर विपक्ष की ओर से दुबारा से पूछा तो संसदीय कार्यमंत्री विभिन्न प्रदेशों में इनकी संख्या गिनाने लगे। हालांकि उनकी ओर से कहा कि उत्तराखंड की उन्हें जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि एग्लो इंडियन समुदाय के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से एक संदेश जाना चाहिए कि एंग्लो इंडियन के लिए भी एससी, एसटी की तरह आरक्षण की व्यवस्था हो।

नामित सदस्य जार्ज आईवन ग्रेगरी मैन ने कहा कि एग्लो इंडियन का उत्तराखंड और देश के विकास में अहम योगदान रहा है। डाक्टर, लेखक, आर्मी, नेवी में अहम पदों पर कार्यरत कई विभूतियां उत्तराखंड में निवास कर रही है।

यह जरूर है कि इनकी संख्या काफी कम है। हैरानी की बात है कि जनगणना में  उत्तराखंड में एक भी एग्लो इंडियन नहीं दिखाया है। वहीं देहरादून में ही कई एंग्लो इंडियन हैं। इनमें कुछ लेखक और विधायक रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि एग्लो इंडियन एसोसिएशन की 62 शाखाएं विभिन्न राज्यों एवं कुछ छोटी संस्थाएं हैं।

उन्होंने कहा कि एग्लो इंडियन को एससी, एसटी के साथ आरक्षण देकर जो सुरक्षा कवच दिया था उसे एकदम हटाए जाने से समुदाय के लोग आहत हैं। कांग्रेस विधायक करन मेहरा ने कहा कि संख्या बल के आधार पर किसी के अधिकार को छीनना ठीक नहीं है। सरकार की ओर से इनकी जो संख्या बताई जा रही है वह भ्रामक है।

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