मौसम के बिगड़े मिजाज ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। गुरुवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश रुक-रुककर देर रात तक जारी रही। मौसम के इस तेवर से ठंड बढ़ गई। लोग अलाव के पास चिपके रहे। लगातार बारिश से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में भी विलंब हुआ। बाजारों में सरे शाम सन्नाटा पसर गया। मौसम का मिजाज बिगड़ेगा इसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान था कि बूंदाबादी होगी। मौसम ठीक उसी चाल से चला। गुरुवार सुबह से ही आसमान में बादल छाने के आसार नजर आने लगे। दोपहर होते-होतेे घने बादल छा गए। फिर शाम करीब चार बजे से बूंदाबादी शुरू हुई तो रात तक रिमझिम बरसात जारी रही। इससे वातावरण में ठंडक बढ़ गई। रात तक करीब दस मिमी बारिश हुई। शुक्रवार की सुबह से कभी झमाझम तो कभी रिमझिम बारिश हो रही है। ऐसे में गलन भरी ठंड भी बढ़ गई है।
मौसम कब करवट बदल ले, किसी को भी पता नहीं। पिछले दो दिनों कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। जी हां मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। तेज हवा के साथ गुरुवार से शुरू बारिश आज यानी शुक्रवार की सुबह तक हुई। हां यह अलग बात है कि रात में कुछ घंटों के लिए बारिश रुक गई थी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार की रात ओले की भी बारिश हुई। शुक्रवार की सुबह से लगातार कभी झमाझम तो कभी रिमझिम फुहार हो रही है। या इसे यूं कह लें कि पौष के महीने में असाढ़ जैसी झमाझम बारिश हो रही है। गलन और ठंड की बात ही मत पूछिए। ठंड से लोग कंपकंपा रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों ने आज पूरे दिन बारिश के आसार जताए हैं।
गुरुवार को वातावरण में गलन बढ़ऩे से सड़क पर चलते राजगीर मफलर टोपी लगाए नजर आए। बाजारों से अधिकांश ग्राहक नदारद हो गए। दुकानों के आगे जगह-जगह अलावा जलाए गए। वहीं शुक्रवार की सुबह से लोग सार्वजनिक स्थलों पर अलाव भी नहीं जला पा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश ने परेशानी उत्पन्न कर दी है। घरों में ही लोगों ने अलाव की व्यवस्था किया है। शहर की घनी बस्तियों में ठंड का प्रकोप कम है लेकिन खुले स्थानों और ग्रामीण इलाकों में गलन चरम पर है।