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नागरिकता संशोधन कानून एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने शनिवार को बिहार बंद किया। सुबह से ही बंद का असर दिखने लगा था। महागठबंधन के सहयोगी दलों एवं वाम दलों ने भी आरजेडी के बंद का समर्थन किया। बंद के दौरान जगह-जगह हिंसा हुई। उपद्रवी तत्वों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं छोड़ा।
इसके पहले बंद की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को आरजेडी की ओर से राजधानी पटना समेत सभी जिलों, प्रखंडों एवं कस्बों में मशाल जुलूस निकाले गये। बंद को लेकर आरजेडी नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर उसने आरजेडी समर्थकों को नुकसान पहुंचाया तो अंजाम बुरा होगा। लेकिन बंद के दौरान आरजेडी कार्यकर्ता ही जगह-जगह हिंसा पर उतर गए।
बिहार में आरजेडी का बिहार बंद जगह-जगह हिंसक रहा। आंदोलनकारियों ने सड़क व रेल जाम कर दिया।
नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में आयोजित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बिहार बंद (Bihar Bandh) के दौरान शनिवार को राज्य में कई जगह भारी हिंसा Violence) हुई। सबसे बड़ी घटना पटना में हुई, जहां दो गुटों के बीच भिड़त के दौरान जमकर पथराव हुआ। इस दौरान हुई गालीबारी में 11 लोगों को गोली लगी। जबकि, एक को छुरा भी मारा गया। घटना के दौरान पथराव में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों सहित दो दर्जन लोग घायल हो गए।
पटना में ही आंदोलनकारियों की गुंडई के शिकार मीडियाकर्मी भी हुए। इस दौरान दैनिक जागरण के छायाकार कुमार दिनेश भी घायल हो गए। उधर, औरंगााबद में पथराव में एसडीपीओ सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पथराव के दौरान कथित तौर पर पुलिस पर बमबारी भी की गई। मुजफ्फरपुर, भागलपुर व नवादा सहित कई अन्य जगहों पर भी भारी हिंसा की। स्थिति पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने जगह-जगह आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया। इससे भी हालात काबू में नहीं आए तो हवाई फायरिंग की।