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संसद में एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में उत्तराखंड पुलिस को आधुनिकीकरण योजना में राज्य को राहत मिल सकती है। हाल में ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर पुलिस आधुनिकीकरण योजना में भवन और वाहन की मद को फिर से शामिल करने की मांग की थी। गृह मंत्री के सकारात्मक रुख से पुलिस आधुनिकीकरण का बजट बढ़ने की उम्मीद जगी है।मोदी सरकार से पहले पुलिस आधुनिकीकरण योजना में भवन, वाहन और उपकरण खरीद को हर साल धन उपलब्ध कराया जाता था। इस योजना में उत्तराखंड को सर्वाधिक 13 करोड़ रुपये तक मिले थे, जिसमें व्यापक स्तर पर पुलिस थानों, अफसरों के आफिस और पीटीसी में भवनों का निर्माण कराया गया।यही नहीं वाहनों के अलावा अत्याधुनिक हथियाराें की खरीद भी हुई। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद आधुनिकीकरण योजना से पहले भवन और फिर वाहन खरीद की मद समाप्त कर दी गई।
नतीजा यह हुआ कि पुलिस आधुनिकीकरण का बजट लगातार घटता चला गया। मद समाप्त होेने के कारण पुराने निर्माण कार्य भी बीच में अटक गए थे। राज्य सरकार ने किश्तों में रकम का इंतजाम कर निर्माण कार्यों को पूरा कराया था।बजट के अभाव में पुलिस महकमे के ढेर सारे प्रस्ताव सरकारी फाइलों में सिमट गए। वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार उम्मीद के मुताबिक पुलिस महकमे को बजट नहीं उपलब्ध पा रही है।इसी कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर पुलिस आधुनिकीकरण योजना में भवन निर्माण और वाहन की मद को फिर से शामिल करने की मांग उठाई थी।बजट की कमी के चलते पुलिस आधुनिकीकरण में दिक्कत आ रही है। मोदी सरकार एक फरवरी को बजट पेश करने जा रही है। ऐसे मेें पुलिस आधुनिकीकरण का बजट बढ़ने की उम्मीद जगी है।