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रंग- बिरंगी  फूलों से जगमगायी उत्तरकाशी की पहाड़ियां,

रंग- बिरंगी फूलों से जगमगायी उत्तरकाशी की पहाड़ियां,

उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी की पहाड़ियां आजकल नीले रंग के फूलों से लदी हुई है। ये पहाड़ियों नीले रंग में रंगी नजर आ रही हैं। दरअसल यहां नीलकुरिंजी फूलों की बहार आई हुई है। यह फूल बारह साल बाद खिलता है। उत्तराखंड की पहाड़ी भाषा में नीलकुरिंजी को अडगल कहते हैं। नीलकुरिंजी के फूल का वानस्पतिक नाम स्ट्रोबिलैन्थस कुन्थियाना है। भारत में नीलकुरिंजी के फूलों की कुल 46 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से सर्वाधिक प्रजातियां केरल के मुन्नार में पाई जाती हैं।वहीं, उत्तराखंड की सरकार प्रकृति के उपहार के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं। प्रदेश के पहाड़ी जिलों में चारों ओर नीले रंग के ही फूल खिले हैं। इन पहाड़ियों में सुबह का वक्त खासकर सूर्योदय का समय बेहद ही मनमोहक है। जब सूरज की किरणें पहाड़ों पर पड़ती हैं तो नीलकुरिंजी के फूलों से पूरी पहाड़ी नीली दिखाई देती है। वहीं आसमान की छटा भी नीली शोभायमान होती है। नीलकुरिंजी के फूलों का मौसम बरसात के मौसम यानी जुलाई से शुरू होता है और जो सर्दियों के शुरुआती महीने अक्तूबर तक रहता है। नीलकुरिंजी के फूलों के पूरी तरह खिल जाने से अक्तूबर के शुरुआती दिनों तक उत्तराखंड की अधिकांश पहाड़ियां नीली हो जाती है। वैसे तो उत्तराखंड को प्रकृति ने कई अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य दिए हैं, तभी देवभूमि उत्तराखंड को पहाड़ों व नदियों, बुग्यालों का राज्य भी कहते है।

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