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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आई आपदा से दो मोटर मार्ग और दो पैदल पुल बह गए हैं। 14 किलोमीटर क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 130 करोड़ रुपये के नुकसान का है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह जानकारी आपदा प्रभावित क्षेत्र से लौटकर दी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी आराकोट पहुंचकर आपदा प्रभावित गांवों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा में मृत लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये और घायलों व अन्य प्रभावितों को मानकों के अनुसार आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि आपदा में 15 लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मंगलवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे क्षेत्रीय सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अजय भट्ट के साथ आराकोट पहुंचे। उन्होंने हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित माकुड़ी, डगोली, टिकोची, चिवां, मोंडा आदि गांवों का हवाई निरीक्षण किया।
इसके बाद आराकोट में उन्होंने आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा ने जान माल के साथ ही बुनियादी संसाधनों को भारी नुकसान पहुंचाया है। आपदा के तुरंत बाद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए मोर्चा संभाल लिया है। स्थानीय लोगों के साथ नेपाल मूल के लोगों को मदद दी जा रही है।
हर गांव तक हमारी टीमें पहुंच चुकी है। एक हजार किलोग्राम खाद्यान्न, दो हजार फूड पैकेज, पांच हजार लीटर पानी, तीन सौ कंबल, पचास टैंट, दवाइयां, आस्का और सोलर लाइटें पर्याप्त मात्रा में आराकोट, मोरी एवं त्यूणी में भंडारित कर प्रभावितों तक पहुंचाई जा रही है। चार हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव कार्य के लिए संचालित किये जा रहे हैं। दस स्थानों पर हेलीपेड बनाए गए हैं। आराकोट तक मार्ग खुल गया है। शेष अगले दो दिन में सुचारु हो जाएंगे। 12 गांवों में पेयजल व्यवस्था बहाल है।