उत्तराखंड में चार पवित्र धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत अन्य प्रसिद्ध मंदिरों का कायाकल्प, प्रबंधन और यात्रा संचालन श्रीवैष्णो देवी माता मंदिर, सांई बाबा, जगन्नाथ और सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने इस दिशा में अहम कदम उठाते हुए उत्तराखंड चार धाम श्राईन प्रबंधन बोर्ड विधेयक-2019 को मंजूरी दी।
प्रस्तावित नए अधिनियम के तहत चार धाम विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, बशर्ते वह हिंदू हों। उधर, सरकारी आवास का उपयोग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब आवास के मानक किराये से 25 फीसद ज्यादा बतौर किराया भुगतान करना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं के मामले में हाईकोर्ट के रुख को देखते हुए सरकार ने पहले जारी अध्यादेश में संशोधन कर करते हुए नए विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी है।
उत्तराखंड राज्य बनने के 19 साल बाद पहली बार चारों पवित्र धामों, उनके नजदीकी मंदिरों समेत तकरीबन 50 प्रसिद्ध मंदिरों के विकास, प्रबंधन और देश-दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा संचालन को व्यवस्थित करने को सरकार ने उक्त कदम उठाया है। लंबे अरसे से नया श्राइन बोर्ड बनाने पर विचार तो किया जा रहा था, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया।