उत्तराखंड में सीनियर सिटीजन को अब अपनी शिकायतों के लिए न्यायालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. हर जिले में तैनात मेंटेनेंस अधिकारी सूबे में अब बुजुर्गों की शिकायत सुनेंगे. बुजुर्गों की शिकायतों का 1 महीने के अंदर निस्तारण भी किया जाएगा. अगर इस दौरान बुजुर्गों की किसी भी शिकायत का कोई निस्तारण नहीं होता है तो उस स्थिति में सीनियर सिटीजन अपनी फरियाद डीएम रैंक के अपीलीय अधिकारी के पास रख सकेंगे.
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2007 में सीनियर सिटीजन मेंटेनेंस वेलफेयर एक्ट का गठन किया था. इस एक्ट में कहा गया था कि सभी राज्य सरकारें आदेश के 6 महीने बाद अपने राज्यों में इस एक्ट को नियम बनाकर लागू करेंगे.
इस एक्ट में एक एसडीएम रैंक के अधिकारी को मेंटेनेंस अधिकारी की नियुक्ति होनी थी. इसमें प्रचार प्रसार का भी प्रावधान रखा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसके लिए नियमावली तैयार नहीं की. बहरहाल, इसके अधिकारों के लिए हरिद्वार के कैलाश शर्मा ने जब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की तो राज्य सरकार ने कहा कि उत्तराखंड में इस एक्ट को प्रभावी (Effective) कर दिया गया है. अधिवक्ता राजीव भट्ट ने कहा कि कोर्ट ने राज्य सरकार को ये आदेश दिया है कि वे सीनियर सिटीजन के अधिकारों के लिए तीन महीने में प्रचार प्रसार की भी व्यवस्था करें.
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