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कांवड़ यात्रा 17 जुलाई से शुरू होने वाली है कांवड़ यात्रा के दौरान चार धाम मार्ग परिवर्तित रहेगा। मुजफ्फरनगर से बिजनौर, कोटद्वार, पौड़ी, श्रीनगर होकर केदारनाथ और बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को जाना होगा, यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं को सहारनपुर से विकासनगर रूट का प्रयोग करना पड़ेगा कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार क्षेत्र में डीजे बजाने और जुगाड़ वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यूपी और हिमाचल की सीमाओं पर अवांछनीय तत्वों की धरपकड़ के लिए संयुक्त सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूडी ने बताया कि 15-20 वर्षों से प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। 2011 में कांवाडियों की संख्या 1.5 करोड़ के करीब थी। 2019 में लगभग तीन करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना है।
मंगलवार को कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए दून की ऑफिसर्स कॉलोनी के सभागार में पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी की अध्यक्षता में यूपी, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और पंजाब पुलिस के अधिकारियों की बैठक में मंथन हुआ। कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, अंतरराज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चेकिंग करने, यात्रा रूट पर लगने वाले लंगरों को निश्चित स्थान पर लगाने, कांवड़ियों के डीजे, लाठी-डंडों पर नियंत्रित करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि पर चर्चा हुई।
पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने हरिद्वार से हटकर कांवड़ यात्रा के दौरान चार धाम, मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों के लिए तैयार रूट के प्रचार पर बल दिया।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन वी विनय कुमार, सहारनपुर रेंज के आईजी शरद सचान, करनाल रेंज के आईजी योगेंद्र सिंह नेहरा, एसएसबी के महानिरीक्षक श्याम सुंदर चतुर्वेदी, आरपीएफ के आईजी संजय सांस्कृतायन, आईजी संजय गुंज्याल, आईजी कानून व्यवस्था दीपम सेठ, आईजी गढ़वाल अजय रौतेला, दिल्ली पुलिस के एडिशनल सीपी एसएन मोसोबी, पंजाब के पुलिस उप महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था गुरप्रीत सिंह गिल, सिरमौर के पुलिस अधीक्षक अजय कृष्ण शर्मा आदि अधिकारी मौजूद थे। संचालन एसपी प्रीति प्रियदर्शनी ने किया।
चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर और गोवर्धन चैक पोस्ट पर संयुक्त चेकिंग।
नेपाल और चीन सीमा के संदर्भ में पुलिस संगठनों, सुरक्षा एजेंसियों के मध्य सूचनाओं के आदान प्रदान करने और महत्वपूर्ण पुलों आदि की सुरक्षा।