उत्तराखाद में भाजपा के विधायक ही अपने बयानों से पार्टी नेतृत्व के लिए मुश्किलें बड़ा रहे हैं। 14 अक्टूबर को देहरादून में होने वाली सांसदों-विधायकों की बैठक में इस मसले पर भी मंथन होगा। वर्तमान परिदृश्य को देखें तो जिला पंचायत सदस्य पद पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ रायपुर क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था इसकी भनक अभी मंद भी नहीं पड़ी थी कि हरिद्वार जिले के अंतर्गत ज्वालापुर से पार्टी विधायक सुरेश राठौर का विवादित वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इससे भाजपा नेतृत्व असहज माना जा रहा है ,
हालांकि, यह पहला मामला नहीं है, जब ऐसा हुआ है। लोकसभा चुनाव के दौरान खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य चली जुबानी जंग ने मर्यादाओं की सीमा ही लांघ दी थी। भाजपा नेतृत्व द्वारा विधायक चैंपियन को पार्टी से बाहर करने के बाद ही प्रकरण का पटाक्षेप हुआ था।
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से भाजपा की मुश्किलें बढ़ रही हैं। वजह ये कि विधायकों के विवादित बोल को विपक्ष तो हथियार बना ही रहा, जनता के बीच गलत संदेश भी जा रहा है। इससे पार्टी नेतृत्व खासा चिंतित है। हालांकि, विधायकों के लिए पार्टी की गाइडलाइन अस्तित्व में है, मगर कुछ विधायक इसका पालन नहीं कर रहे।
इसे देखते हुए पार्टी नेतृत्व अब सख्त संदेश देने के मूड में नजर आ रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि विधायकों के लिए पार्टी की गाइडलाइन है। साथ ही विधायकों पहले ही संदेश दिया जा चुका है कि वे वाणी पर संयम रखें। उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को प्रदेश मुख्यालय में होने वाली पार्टी के सांसदों-विधायकों की बैठक में इस मसले पर भी बात की जाएगी। भाजपा की 14 अक्टूबर को प्रदेश मुख्यालय में होने वाली अहम बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू भी मौजूद रहेंगे। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार भी भाग लेंगे।