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उत्तराखंड में जल्द ही बांस ,भीमल, पिरूल , रिंगाल से बने हस्तशिल्प उत्पादों का कारोबार चमकेगा जिससे आर्थिकी भी मजबूत होगी। सरकार बड़े शहर में हथकरघा व हस्तशिल्प उत्पादों के इम्पोरियम खोलेगी।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास के लिए एक करोड़ की मंजूरी दी है।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के हस्तशिल्प एवं अन्य उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए पेशावर डिजाइनरों की सेवा ली जाएं।
उत्तराखंड के हस्तशिल्प उत्पादों को अलग पहचान मिले इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है| बांस, भीमल, रिंगाल व पिरुल से बने उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा, जो आर्थिकी मजबूत करने और लोकल उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा। बांस, भीमल, रिंगाल व पिरुल से घर के साजो समान, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, हैंडबैग आदि जैसी काफी सारी वस्तुएं बनती है, यह देखने में काफी आकर्षक और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड में ऊन से बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में ऊन क्लस्टर भी बनाए जाएंगे।