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ग्राम पंचायतों को चुनावी वर्ष से तोहफा देने जा रही उत्तराखंड सरकार

ग्राम पंचायतों को चुनावी वर्ष से तोहफा देने जा रही उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड सरकार ग्राम पंचायतों को चुनावी वर्ष से तोहफा देने जा रही है। तीरथ सिंह रावत कैबिनेट ने 1181 ग्राम पंचायतों की मुराद पूरी करने पर मुहर लगाई। तय किया गया कि तीन वर्ष में 1181 पंचायत भवनों का निर्माण किया जाएगा। इस साल 400 ग्राम पंचायतों के भवन बनाए जाएंगे। करीब 20 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इन भवनों के लिए 50 फीसद राशि मनरेगा, 25 फीसद पंचायतों के अपने संसाधनों और 25 फीसद राशि राज्य सरकार देगी। प्रदेश में कुल 7791 ग्राम पंचायतों में 1181 के पास अपने भवन नहीं हैं, जबकि 1197 पंचायत भवन जीर्ण-शीर्ण हैं। इनका जीर्णोद्धार किया जाएगा।कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण नए वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी बढ़ रहा है। ऐसे में कैबिनेट ने प्रोक्योरमेंट नियमों में बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रोक्योरमेंट नियमों में दी गई छूट अगले छह महीने यानी सितंबर माह तक जारी रखने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य महानिदेशक, सरकारी मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों को एकल स्रोत से खरीद की अनुमति समेत अन्य छूट जारी रहेंगी। बिडिंग के बाद ली जाने वाली पांच से 10 फीसद परफारमेंस सिक्योरिटी को घटाकर तीन फीसद किया गया है।यह व्यवस्था चालू कार्यों पर भी लागू रहेगी।

इसके साथ ही 25 करोड़ तक के कार्यों पर दो फीसद और इससे ज्यादा के कार्यों पर ली जाने वाली अतिरिक्त बिडिंग सिक्योरिटी अब नहीं ली जाएगी। इसीतरह प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-ठेली वालों को दिए जाने वाल 10 हजार रुपये की ऋण राशि पर भी 0.05 फीसद स्टांप शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। खनन को लेकर सब कमेटी गठितक बिनेट ने खनन में भी रियायत देने को नियमों में संशोधन का निर्णय लिया है। उत्तराखंड खनिज (अवैध खनन/परिवहन/भंडारण का निवारण) अधिनियम में संशोधन को कैबिनेट सबकमेटी गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सब कमेटी गठित करने को अधिकृत किया गया।यह तय किया गया कि 2020 में खनन संबंधी नियमावली लागू होने से पहले स्वीकृत खनन पट्टों को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। उक्त पट्टे पूर्व स्वीकृत अवधि तक जारी रखे जाएंगे। इसीतरह पर्वतीय क्षेत्रों में उपखनिज भंडारण को नियम तय करने को कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में सबकमेटी गठित की गई। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और बिशन सिंह चुफाल इसके सदस्य होंगे।

कैबिनेट ने अहम फैसला चिटफंड कंपनियों के संबंध में किया है। व्यक्तियों का धन जमा करने से जुड़ी अविनियमित कंपनियों पर अब सरकार शिकंजा कस सकेगी। ऐसी शिकायतें सामने आने के बाद कैबिनेट ने उत्तराखंड अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली को मंजूरी दी। केंद्र सरकार की ओर से अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम 2019 में लागू किया जा चुका है। इस अधिनियम के तहत कर्नाटक सरकार की ओर से बनाए गए नियमों को उत्तराखंड में लागू करने को हरी झंडी दिखाई गई है। इसके तहत अब व्यक्ति अविनियमित कंपनियों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे और इसके आधार पर सरकार उनके खिलाफ जांच करेगी। नए नियमों के तहत संपत्ति सीज करने का अधिकार सरकार को मिल गया है।कैबिनेट ने सरकारी और अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों से 12वीं की परीक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को राहत दी है। ये छात्र 12वीं में अनुत्तीर्ण हैं और व्यावसायिक शिखा में उत्तीर्ण होने पर इसका सर्टिफिकेट पाने के पात्र होंगे। इससे इन छात्रों को इस सर्टिफिकेट के माध्यम से रोजगार भी प्राप्त हो सकेगा। साथ ही 12वीं की परीक्षा दोबारा देने पर उन्हें व्यावसायिक शिक्षा परीक्षा दोबारा उत्तीर्ण करने की जरूरत नहीं होगी।

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