बजट के बाद इस विषय को रखते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार ने देहरादून में बजट सत्र कराने के लिए चारधाम यात्रा का सहारा लिया। पूर्व में भी यात्राकाल में गैरसैंण में सत्र हो चुके हैं। यहां तक कि पूर्व में यह व्यवस्था भी बनाई गई थी कि बजट सत्र गैरसैंण में ही होगा। भाजपा ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया, लेकिन अब यहां सत्र कराने से भाग रही है। यह जनादेश का अपमान है।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विषम परिस्थितियों में गैरसैंण में सत्र कराया है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी, विक्रम सिंह नेगी, मनोज तिवारी व सुमित हृदयेश ने भी इस मसले पर सरकार को निशाने पर लिया। सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विधायकों की सहमति से ही सत्र दून में हो रहा है। इसमें विपक्ष कांग्रेस व बसपा के सदस्यों की भी सहमति थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यदि गंभीर होती तो वह अपने कार्यकाल में ही गैरसैंण को लेकर कोई फैसला लेती। कांग्रेस इस मामले में केवल राजनीति करती रही है।
मंगलवार को सदन में बजट निर्धारित से पांच मिनट देरी से प्रस्तुत हुआ। विपक्ष ने इसे लेकर आपत्ति भी जताई। मंगलवार को सदन में शाम चार बजे बजट प्रस्तुत किया जाना था। चार बजे तक जब बजट प्रस्तुत नहीं हुआ तो कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने इसे व्यवस्था का प्रश्न बताते हुए सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। इस पर चर्चा हो ही रही थी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में बजट लेकर पहुंच गए। आते ही उन्होंने बजट प्रस्तुत किया।