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रेल यात्रियों को जल्द ही देहरादून समेत देश के कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाओं का लाभ मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें एयरपोर्ट की ही तर्ज पर यूजर डेवलपमेंट चार्ज चुकाना होगा। यह चार्ज उन सभी टिकट पर वसूला जाएगा, जिनकी यात्रा विश्वस्तरीय स्टेशन से शुरू या ऐसे स्टेशन पर खत्म हो रही है। इसके चलते यात्री को बढ़ा हुआ किराया चुकाना होगा, जो हर स्टेशन के लिए अलग-अलग हो सकता है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि यह यूजर चार्ज विश्वस्तरीय सुविधाओं के तहत विकसित होने वाले स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर तय होगा, जिसकी अधिसूचना रेल मंत्रालय जल्द ही जारी कर देगा।
उन्होंने कहा कि यह चार्ज बेहद मामूली रखा जाएगा।यादव ने बताया कि हबीबगंज व गांधीनगर रेलवे स्टेशन को पायलट प्रोजेक्ट के तहत विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला बनाया जा चुका है, जबकि दिल्ली के आनंद विहार व बिजवासन और चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने का टेंडर जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अगले दो महीने में 1296 करोड़ रुपये की लागत से देहरादून, नई दिल्ली, मुंबई, सूरत, अमृतसर, साबरमती, ग्वालियर, नागपुर स्टेशन के लिए भी टेंडर प्रक्रिया चालू कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) के तहत करीब 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 2020-21 तक 50 स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने का लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की घोषणा की थी। लेकिन इस लक्ष्य में देरी के चलते नीति आयोग ने पिछले साल अक्तूबर में रेल मंत्रालय की बेहद खिंचाई की थी और 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर विकसित करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों का उच्चाधिकार समूह बनाने की सिफारिश की थी।
दरअसल रेलवे ने ऐसे 58 ‘सुपर क्रिटिकल’ मार्गों की पहचान की है, जिन पर यात्रियों की भारी संख्या के चलते ज्यादा ट्रेन चलने से रास्ते में व स्टेशन पर ‘ट्रैफिक जाम’ सरीखी हालत रहती है। इसके निदान के लिए रेलवे को 9930 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसी तरह 68 ‘क्रिटिकल’ मार्गों पर भी 72500 करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। इस काम को रेलवे ने 2021-22 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन इतना पैसा जुटाना बेहद कठिन है। इसी कारण रेलवे ने यूजर डेवलपमेंट चार्ज जैसे तरीकों से पैसा जुटाने की सोची है।