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देहरादून में विकासनगर में अवैध वसूली में फंसे सिपाही प्रदीप कुमार ने चार माह में दूसरी बार वर्दी को कलंकित किया है। पथरिया पीर के जहरीली शराब कांड में भी शराब तस्करों से सांठगांठ में भी उसका नाम आया था।मामले में उसके खिलाफ पहले ही जांच चल रही है। सिपाही के इस व्यवहार से विभाग की हैरान है। पथरिया पीर में बीस सितंबर को जहरीली शराब के सेवन से आठ लोगों की मौत हो गई थी।इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी और धारा चौकी प्रभारी कुलवंत सिंह को निलंबित कर दिया गया था। एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल को पुलिस की भूमिका की जांच सौंपी गई थी।इस मामले में पुलिस ने चार शराब तस्करों को गिरफ्तार कर भेजा था। एसपी की जांच में शहर कोतवाल और चौकी प्रभारी को क्लीन चिट मिल गई थी, लेकिन कॉल डिटेल से सिपाही प्रदीप कुमार और मोहित शर्मा की शराब तस्करों से सांठगांठ उजागर हुई थी।
एसपी की रिपोर्ट पर दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर करने के साथ सीओ लोकजीत सिंह को विभागीय जांच सौंपी गई थी। सीओ लोकजीत सिंह का काफी समय से स्वास्थ्य खराब होने के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी है। इसी बीच पुलिस लाइन से सिपाही प्रदीप कुमार का तबादला विकासनगर कोतवाली हो गया। पहली कार्रवाई से भी सिपाही ने किसी तरह का सबक नहीं लिया। चेकिंग के दौरान पांच सौ रुपये की अवैध वसूली में सिपाही प्रदीप कुमार का नाम आया तो डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने तत्काल मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। उन्होंने पहले से चल रही जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।