त्रिवेंद्र सरकार ने चुनावी वर्ष में प्रदेश की आधी आबादी यानी महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। विवाहित महिलाएं अब पुरुषों के साथ भूमि व संपत्ति की सह खातेदार होंगी। उन्हें संपत्ति पर संक्रमणीय अधिकार देने के एतिहासिक फैसले पर मंत्रिमंडल ने बुधवार को मुहर लगा दी.इस फैसले की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित तमाम महिला संगठनों ने जमकर तारीफ की है .

Harish Rawat

 कभी-कभी #डबल_इंजन भी समझदारी का काम कर जाता है, #बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का हक देना एक अच्छा निर्णय है।

इसके तहत महिलाओं को  भूमि पर मालिकाना हक दिया गया है। उन्हें भूमि पर पर ऋण लेने के साथ ही उसे बेचने का अधिकार भी अधिकार होगा। हालांकि यह अधिकार पैतृक संपत्ति पर ही मिलेगा। इसके लिए उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई है। इस फैसले से महिलाओं को अब स्वरोजगार और विभिन्न स्वावलंबन योजनाओं के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध हो सकेगा।

त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की सचिवालय में बुधवार देर शाम तक चली बैठक में करीब दो दर्जन बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने महिलाओं के हित में बड़े फैसले पर मुहर लगा दी। भूमि व संपत्ति पर पुरुषों का ही अधिकार रहने से आर्थिक विकास गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी नहीं हो पाती है। मंत्रिमंडल ने बीते नवंबर माह में भी इस संबंध में फैसला लिया था, लेकिन भूमिधरी अधिकार का दायरा, उसके लिए प्रतिबंध और विरासत जैसे बिंदुओं पर फैसले के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। यह कमेटी मंत्रिमंडल को अपनी संस्तुति दे चुकी है। बुधवार को मंत्रिमंडल ने इन संस्तुतियों को स्वीकार कर लिया।