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नैनीताल में अदालत ने शिक्षिका को आपत्तिजनक फोटो और अश्लील मैसेज भेजने के एक अभियुक्त को आईपीसी और आईटी एक्ट की अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन साल के कठोर कारावास और एक-एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है मामले में एक अन्य आरोपी को संदेह के लाभ के आधार पर दोषमुक्त करार दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक अभियोजन अधिकारी मोहन सिंह रावत ने बताया कि 4 फरवरी 2016 को कुसुमखेड़ा क्षेत्र निवासी हल्द्वानी के एक निजी विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका ने मुखानी पुलिस को तहरीर सौंपी।
कहा कि एक व्यक्ति कई दिनों से उसके मोबाइल पर अश्लील मैसेज और आपत्तिजनक फोटो भेजकर परेशान कर रहा है। आरोप था कि वह पीड़िता के आपत्तिजनक फोटो बनाकर उन्हें वायरल करने की धमकी भी दे रहा है।पीड़िता ने संबंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर भी पुलिस को उपलब्ध कराया। मुखानी पुलिस ने संबंधित धाराओं में आरोपी पर केस दर्ज कर लिया। जांच के बाद पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर बागेश्वर निवासी विक्रम मेहता और धरमपाल मौर्य को गिरफ्तार किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चंद्र आर्य की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश किए गए। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने आरोपी विक्रम सिंह मेहता को आईपीसी और आईटी एक्ट की अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक हजार के जुर्माने की सजा सुनाई। धरमपाल मौर्य को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी मोहन सिंह रावत ने पैरवी की।