इस साल जेईई मेन परीक्षा पास करने वाले 2,45,000 उम्मीदवारों को जेईई एडवास परीक्षा में उपस्थित होने के लिए योग्य माना गया था। संख्या में इस बार बढ़ोतरी की गई है। 2,50,000 अगले साल छात्र एडवास में शामिल होंगे। इंजीनियरिंग की प्रतिष्ठित परीक्षा जेईई-एडवास के माध्यम से देशभर की 23 आइआइटी में प्रवेश दिया जाता है। वहीं जेईई-मेन के रैंक के आधार पर 31 एनआइटी, 23 ट्रिपल आइटी और 23 जीएफटीआइ की लगभग 25 हजार सीटों पर प्रवेश मिलता है। जेईई मेन का आयोजन साल में दो बार किया जाता है।
जेईई एडवांस का पहला पेपर जनवरी और दूसरा अप्रैल में होता है। जनवरी में होने वाले एग्जाम के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। सात फरवरी से दूसरा पेपर अप्रैल के लिए आवेदन शुरू होंगे। 17 मई को जेईई एडवांस का आयोजन किया जाएगा। इस बार आइआइटी दिल्ली को जेईई एडवांस परीक्षा का जिम्मा मिला है। हाल ही में हुई आइआइटी ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड की एक बैठक में प्रवेश परीक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें जो एक बड़ा बदलाव हुआ है, वह है परीक्षा के लिए क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में वृद्धि। जेईई एडवांस का पहला पेपर सुबह 9.00 बजे शुरू होगा और दोपहर 12 बजे समाप्त होगा। दूसरा पेपर दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा और शाम 5.30 बजे खत्म होगा।
इससे पहले पेपर-2 दोपहर 2 बजे शुरू होता था, जिसे अब 2.30 बजे कर दिया गया है। अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा के अनुसार देशभर की 23 आइआइटी में 11,279 सीट हैं। जिनमें एससी-एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्याग सहित तमाम अन्य आरक्षण भी लागू हैं। इसके अलावा कुछ पाठ्यक्रम अलोकप्रिय भी हैं। इस स्थिति में प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी है। टॉप की आइआइटी में मनचाही ब्राच मिलना आसान नहीं है। परीक्षा के लिए क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में वृद्धि करना एक अच्छी बात है। पर इस सच्चाई को भी नहीं नकारा जा सकता कि इस साल कई छात्रों ने जेईई एडवांस से बैकआउट कर लिया था। केवल एक लाख 73 हजार छात्रों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया। करीब 72 हजार छात्रों ने जेईई एडवास के लिए क्वालिफाई होने के बाद भी एडवास के लिए पंजीकरण नहीं किया। जेईई-मेन जनवरी एग्जाम के आवेदन के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। परीक्षा छह से 11 जनवरी तक होनी है। 6 दिसंबर से उम्मीदवार एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। जबकि परिणाम 31 जनवरी को जारी होगा।