प्रेमनगर थाना क्षेत्र में गुमशुदा चल रहे एक व्यक्ति का लगभग 16 महीने बाद कंकाल (खोपड़ी) मिली है। मौके से मिली आईडी से यह कंकाल गुमशुदा व्यक्ति होने की बात कही जा रही है।
चौकी झाझरा, थाना प्रेमनगर पर सूचना प्राप्त हुई कि सुद्दोवाला पेट्रोल पंप के पास जंगल के अंदर झाड़ियों में एक मानव खोपड़ी/ सिर( कंकाल) पड़ा हुआ है, जिसके पास एक पहचान पत्र भी पड़ा है, जिस पर राजेश सिंह पुत्र धनपाल सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट मलेथा देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल लिखा है। थाना प्रेमनगर से तत्काल थानाध्यक्ष प्रेमनगर मय पुलिस बल के घटनास्थल पर पहुँचे, जहां पर क्षेत्राधिकारी प्रेमनगर की मौजूदगी में एफएसएल /फील्ड यूनिट टीम एवं डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलवाकर आवश्यक कार्यवाही के दौरान झाड़ियों के अंदर मानव खोपड़ी/ सिर (कंकाल) एवं आईडी आदि सामग्री झाड़ियों के अंदर पड़े पाए गए, दौराने कार्यवाही/ पड़ताल घटनास्थल से बरामद पहचान पत्र के अनुसार मौके पर थाना प्रेमनगर पर दिनांक 01.09. 2019 को पंजीकृत मानव गुमशुदगी क्रमांक 24/19 से संबंधित गुमशुदा राजेश राणा पुत्र श्री धनपाल सिंह निवासी ग्राम पोस्ट मलेथा, थाना- कीर्तिनगर, जनपद टिहरी गढ़वाल के परिजन/ रिश्तेदारों को बुलाया गया, जिनके द्वारा बरामद खोपड़ी के पास पड़े पहचान पत्र एवं सामान के आधार पर उक्त बरामद खोपड़ी/ सिर (कंकाल) राजेश राणा का होने की संभावना जताई गई, जिस पर बरामद मानव खोपड़ी/ सिर (कंकाल) के पंचायत नामा कार्यवाही करने के उपरांत कार्यवाही शिनाख्त/ पहचान के लिए डीएनए परीक्षण हेतु माननीय न्यायालय से आदेश प्राप्त कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला पंडितवाड़ी दाखिल किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
एडमिशन लेने दून आया था राजेश राणा
राजेश राणा की प्रेमनगर थाने में सितंबर 2019 में गुमशुदगी दर्ज की गई थी के परिजनों ने बताया था कि राजेश राणा चंडीगढ़ में एक होटल में काम करता था।वहां से वह प्रेमनगर स्थित बीएफआईटी में एक कोर्स करने के लिए एडमिशन लेने आया था। लेकिन उसका उस दिन बाद पता नहीं चला। एस ओ धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी राजेश राणा की उम्र लगभग 29 वर्ष बताई जा रही है।
डीएनए के लिए ली जाएगी अनुमति
खोपड़ी का डीएनए भी पुलिस कराएगी लेकिन इससे पहले न्यायालय की अनुमति लेना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस आने वाले हफ्ते में न्यायालय को प्रार्थना पत्र दे सकती है। डीएनए रिपोर्ट से ही यह पुख्ता हो पाएगा कि यह व्यक्ति धनपाल सिंह का बेटा राजेश राणा ही है या कोई और।
गुमशुदगी के बाद आसपास जंगलों में नहीं गया ध्यान
सितंबर 2019 को गुजरे लगभग 16 महीने हो चुके हैं। मगर सवाल यह भी उठता है कि जब बृहस्पतिवार को वहां से गुजरे लोगों ने खोपड़ी की सूचना पुलिस को दी। तो क्या 16 महीनों में वहां से कोई नहीं गुजरा? पुलिस ने गुमशुदगी के बाद आसपास के जंगलों में क्यों कुछ नहीं देखा?