विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस का फोकस बड़े नेताओं को एकजुट करने के साथ यूथ कांग्रेस में अलग-अलग धड़ों में बंटे युवा नेताओं का एक लाइन में खड़े करने पर है। ताकि सत्ता संघर्ष में इन्हें अहम भूमिका सौंपी जा सके। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने रणनीति के तहत 13 जिलों के लिए 13 प्रभारी नियुक्त करने की कवायद शुरू कर दी है। यह सभी प्रभारी दूसरे राज्यों से होंगे। ताकि सही रिपोर्ट मिल सके। संगठन, रणनीति, कार्यक्रम और चुनौतियों को लेकर यह प्रभारी रिपोर्ट तैयार करेंगे।अगले साल मार्च में विधानसभा होने हैं। दिसंबर के आसपास आचार संहिता लगने की संभावना है। हाल में दिल्ली में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश संग चुनावी रणनीति पर चर्चा करने के साथ अभियान की रूपरेखा भी तैयार की थी।
प्रस्तावित परिवर्तन यात्रा इसी अभियान का हिस्सा थी। लेकिन दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष का अकस्मात निधन होने की वजह से कांग्रेस संकट में फंस गई। हालांकि, नए नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर अंदरखाने सुगबुगाहट शुरू हो गई है।प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने यूथ कांग्रेस के बड़े नेताओं संग हाल में बैठक की है। जिसमें तय हुआ कि हर जिले में युवा कांग्रेस की मॉनीटरिंग के लिए एक को प्रभारी बनाकर भेजा जाएगा। प्रभारी का काम होगा कि वह जिले की सभी विधानसभाओं का दौरा कर कार्यकर्ताओं व बूथ लेवल के पदाधिकारियों संग भी बात करेगा। जिन जगहों पर कमेटियों का गठन अब तक नहीं हुआ है। वहां कार्यकर्ताओं संग मशविरा करने के बाद जिम्मा भी सौंपा जाएगा।