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बिना एनओसी के चल रहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त द दून स्कूल

बिना एनओसी के चल रहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त द दून स्कूल

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त द दून स्कूल बिना शिक्षा विभाग से अनापत्ति प्रमाण लिए चल रहा है। खुद शिक्षा विभाग ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) में यह जानकारी दी है। मामला सामने आने के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने बीईओ सहसपुर को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

1935 में खुले दून स्कूल से कई प्रतिष्ठित नेता, नौकरशाह, फिल्म अभिनेता, उद्योगपति व कारोबारी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की एक आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी के बाद इसकी मान्यता और एनओसी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विभाग ने इसी वर्ष एक आरटीआई के जवाब में बताया कि द दून स्कूल को माध्यमिक शिक्षा अनुभाग से कोई मान्यता या एनओसी प्रदान नहीं की गई है। हालांकि डीईओ माध्यमिक यशवंत सिंह चौधरी ने बताया कि स्कूल ने बाद में मान्यता के दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए थे। लेकिन एनओसी से संबंधित कोई दस्तावेज अभी तक विद्यालय नहीं उपलब्ध करवा पाया है।

 

कई वीआईपी कर चुके पढ़ाई
दून स्कूल से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी समेत कई वीआईपी पढ़ाई कर चुके हैं। कई प्रतिष्ठित घरानों के बच्चे अभी यहां अध्ययनरत हैं।

राजीव गांधी के अलावा संजय गांधी, राहुल गांधी, मध्य प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, प्रसिद्ध निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, पूर्व रक्षा मंत्री अरुण सिंह, पूर्व विदेश मंत्री स्व. दिनेश सिंह, लेखक व पीपली लाइव फिल्म के सहायक निदेशक महमूद फारुखी समेत कई वीआईपी ने यहां से पढ़ाई की है।

बिना एनओसी के विद्यालय का संचालन नहीं किया जा सकता

द दून स्कूल की मान्यता और एनओसी को लेकर जानकारी मांगी गई थी। विद्यालय ने मान्यता के दस्तावेज उपलब्ध करा दिए थे। लेकिन उन्होंने एनओसी को लेकर कोई दस्तावेज नहीं दिया है। विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार भी उनके पास एनओसी नहीं है। बिना एनओसी के विद्यालय का संचालन नहीं किया जा सकता है।
– यशंवत सिंह चौधरी, डीईओ (माध्यमिक)

इतना बड़ा संस्थान बगैर प्रमाणपत्रों के चल रहा है, यह कहना अजीब बात है। हम कानूनी मामलों में बहुत सतर्क रहते हैं। हमारे पास यह सब दस्तावेज हैं। हमारे पास मान्यता और एनओसी समेत सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं।

– पीयूष मालवीय, निदेशक जनसंपर्क, दून स्कूल

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