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आज शहरवासी नगर निगम जाकर हाउस टैक्स करा सकते जमा;चार घंटे खुलेंगे हाउस टैक्स काउंटर

आज शहरवासी नगर निगम जाकर हाउस टैक्स करा सकते जमा;चार घंटे खुलेंगे हाउस टैक्स काउंटर

माह के द्वितीय शनिवार के चलते अवकाश होने के बावजूद आज शहरवासी नगर निगम जाकर हाउस टैक्स जमा करा सकते हैं। निगम की ओर से टैक्स में दी जा रही छूट के अब दो दिन शेष रहने और टैक्स वसूली में बढ़ोत्तरी के लिए नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने शनिवार को चार घंटे हाउस टैक्स अनुभाग खोलने के आदेश दिए हैं। सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक हाउस टैक्स काउंटर खुले रहेंगे।

कोरोना काल के कारण नगर निगम इस वित्तीय वर्ष में हाउस टैक्स वसूली में काफी पीछे चल रहा है। दरअसल, लॉकडाउन के कारण वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन महीने शहरवासी टैक्स जमा नहीं करा पाए जबकि इसके बाद कोरोना के बढ़ते प्रसार ने घर से बाहर निकलने में आमजन के कदम थामे रखे। पिछले साल निगम जनवरी तक तीस करोड़ रुपये की वसूली पार कर चुका था, जो इस वर्ष फरवरी मध्य तक लगभग 22 करोड़ तक ही पहुंची है। नगर निगम समय से टैक्स जमा कराने वालों को हर साल 20 फीसद की छूट देता है।

इस साल इस छूट के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया। अब यह छूट पाने के लिए दो ही दिन शेष हैं। उसमें भी शनिवार को चार घंटे मिलेंगे, जबकि सोमवार को सात घंटे। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि आमजन को राहत देने के लिए शनिवार को टैक्स काउंटर चार घंटे खोले रखने का आदेश दिया गया है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि छूट की सीमा आगे नहीं बढ़ेगी।

टैक्स में 20 फीसद छूट का लाभ लेने के लिए शुक्रवार को नगर निगम में काफी भीड़ उमड़ पड़ी। दरअसल, आमजन को ये लग रहा था कि शनिवार और रविवार को छुट्टी के कारण छूट पाने के लिए केवल शुक्रवार व सोमवार का ही दिन है। ऐसे में सुबह से टैक्स अनुभाग पूरी तरह पैक रहा। अनुभाग में आठ काउंटर खोले गए थे, जो कम पड़ गए। इनमें दो वृद्धजनों और एक महिलाओं के लिए आरक्षित था। वृद्धजनों के आरक्षित काउंटर होने के बावजूद वहां बड़ी संख्या में भीड़ नजर आई।

भले ही शहरी विकास विभाग ने हाउस टैक्स के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था शुरू कर पूरे राज्य के नगर निकायों को एक पोर्टल से जोड़ दिया हो, लेकिन आमजन का आरोप है कि इसमें तकनीकी दिक्कत आ रही। पूर्व में नगर निगम की जो वेबसाइट थी, उस पर आसानी से ऑनलाइन टैक्स जमा हो जाता था, लेकिन शहरी विकास विभाग की सेवा पर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।

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