टिहरी झील महोत्सव का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम शुभारंभ से पहले उन्होंने तपोवन आपदा में मृत लोगों लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि महोत्सव को लेकर सरकार असमंजस की स्थिति में थी, लेकिन सरकार ने निर्णय लिया कि हम आपदा से लड़ेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे।अब हर साल वसंत पंचमी पर टिहरी झील महोत्सव आयोजित होगा। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी कर दिया है। उन्होंने कोटी में इंटरनेशनल स्तर का वैदिक विद्यालय खोलने, नई टिहरी में रहने वाले विस्थापितों को प्लॉट और फ्लैट के आसपास की कब्जे वाले भूमि का बाजारी दर पैसा जमा करने वालों को मालिकाना हक देने सहित कई घोषणाएं कीं। कहा कि 1200 करोड़ के पैकेज से टिहरी झील, नई टिहरी और प्रतापनगर का विकास होगा। टिहरी झील महोत्सव का शुभारंभ करते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत ने देव डोलियों और निशाणों की पूजा की। सीएम ने कहा कि वह 2010 में टिहरी के प्रभारी मंत्री थे, तब उन्होंने झील महोत्सव शुरू कराया था। आज यह महोत्सव विश्व स्तरीय बन गया है। सीएम ने कहा कि देश के लिए टिहरी के लोगों ने कुर्बानी दी है, अब टिहरी को उसका पुराना गौरव लौटाने की बारी है। 1200 करोड़ के पैकेज से टिहरी झील, नई टिहरी और प्रतापनगर का विकास होगा।टिहरी झील ही उत्तराखंड के टूरिज्म का भविष्य है। सरकार का लक्ष्य है कि जो पर्यटक यहां आए वह दो-तीन जरूर ठहरें। डोबरा-चांठी पुल सबसे बड़ा डेस्टिनेश बनकर उभरा है। इस मौके पर प्रभारी डा. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक शक्तिलाल शाह, विनोद कंडारी, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी, दायित्वधारी अब्बल सिंह बिष्ट, रोशनलाल सेमवाल, अतर सिंह तोमर, प्रमुख सुनीता देवी, शिवानी बिष्ट, बसुमति घणाता, प्रभा बिष्ट, सीता रावत, राजेंद्र भंडारी, पर्यटन सचिव दिलीप जालवकर, डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी तृप्ति भट्ट मौजूद थे।
टिहरी के लिए की यह घोषणाएं
1- कोटी कालोनी में इंटरनेशनल स्तर का वैदिक विद्यालय।
2- कोटी कालोनी में स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षण के लिए स्वीमिंग पूल निर्माण।
3- डोबरा-चांठी में नया बोटिंग प्वाइंट व इको पार्क।
4- कोटी कालोनी में स्थायी बोटिंग प्वाइंट।
5- झील किनारे लाइट एंड साउंड शो।
6- प्रतापनगर राजमहल में संग्रहालय निर्माण।
7- झील किनारे लेक सिटी का 35 फीट का साईनेज।
8 – कोटी कालोनी में घाट निर्माण।