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जिला मुख्यालय से सटे रानीचौरी के जंगलों सहित जिले के विभिन्न जगहों पर इन दिनों जंगल जल रहे हैं। आग से अभी तक कई हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए । आग की भयानक लपटों पर काबू पाने की वन विभाग की कोशिशें नाकाम हो रही हैं। जंगलों की आग से तापमान में भी बढ़ोत्तरी होने लगी है। जिला मुख्यालय नई टिहरी के बादशाहीथौल रानीचौरी, लंबगांव रेंज कार्यालय तथा देवप्रयाग के जंगलों में लगी आग कई हेक्टेयर जंगलों को नुकसान पहुंचा है। लंबगांव रेंज कार्यालय के मुखेम बीट के जंगल बुधवार रात्रि से धधक रहे हैं। वन विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। अभी तक आग की चपेट में आने से कई बीटों के सैंकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं। प्रधान कीर्तिराम भट्ट, नरेंद्र चमोली, दिनेश सिंह, उम्मेद सिंह, नत्थी लाल आदि लोगों का कहना है कि वनों की रक्षा के लिए ग्रामीणों की ओर से चौकीदार नियुक्त किया गया है। बीते तीन दिनों से जंगलों में लगी आग से देवप्रयाग का तापमान 40 डिग्री से अधिक हो गया है। लेकिन आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए उनके पास अग्निशमन यंत्र न होने के चलते दावानल पर काबू पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं देवप्रयाग के दशरथांचल पहाड़ी, सहित कोठी, धरी, पोखरी, चुर्थु, पाबौ की पहाडियां लगातार आग से घिरी हुई हैं। बीते तीन दिनों से टिहरी व पौड़ी जिले के जंगल धधकने से कई सौ हेक्टेयन वन संपदा आग की भेंट चढ़ चुकी है। दावानल से एक ओर जहां वन संपदा को नुकसान पहुंचा है, वहीं गुलदारए भालूए हिरन सहित अन्य वन्य जीवों को नुकसान पहुंचने की भी संभावनाएं हैं। जंगल की आग खडगी, चौंड, पवनपुर, चुर्थु गांव के निकट पहुंचने से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल है। साथ ही तीर्थनगरी के अलकनंदाए भागीरथी व गंगा घाटी में धुंआ भरने से स्थानीय लोगों व तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।