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नैनीताल हाईकोर्ट करीब पांच सौ करोड़ रुपये के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। अदालत ने एसआईटी से दोबारा जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि इस मामले की जांच करने में देरी क्यों हो रही है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि समाज कल्याण विभाग ने 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री ने इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की थी और तीन माह के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया था। एसआईटी जांच के बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई।
हाईकोर्ट ने इससे पूर्व एसआईटी की जांच रिपोर्ट तलब की थी। इस पर एसआईटी ने जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिससे हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसआईटी को दोबारा जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए।