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एसआईटी ने सरकारी और निजी शैक्षिक संस्थानों की छात्रवृत्ति घोटाले की रिपोर्ट तैयार की

एसआईटी ने सरकारी और निजी शैक्षिक संस्थानों की छात्रवृत्ति घोटाले की रिपोर्ट तैयार की

उत्तराखंड के रुद्रपुर में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में सरकारी नौकरशाह भी अछूते नहीं हैं। जिले के 80 सरकारी शैक्षिक संस्थान इस घोटाले की जांच के दायरे में आ गए हैं। इन पर वर्ष 2011 से 2018 तक मनमाने ढंग से छात्रवृत्ति देने का आरोप है।एसआईटी ने सभी सरकारी संस्थानों की रिपोर्ट बनाकर उन्हें नोटिस देने की तैयारी कर ली है। अब तक एसआईटी 50 से अधिक निजी शैक्षिक संस्थानों को छात्रों की संख्या सूची समय से देने का नोटिस भेज चुकी है।

प्रदेश में हरियाणा, मेरठ और पंजाब के बाद यूएस नगर में सबसे बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला हुआ। सात साल में जिले के अंदर 215 शैक्षिक संस्थानों में एक लाख 30 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति दे दी गई। इनमें ऐसे छात्र भी शामिल हैं जो छात्रवृत्ति के पात्र ही नहीं थे।बाहरी राज्यों के 303 शैक्षिक संस्थानों में घोटाले की जांच पूरी होने के बाद दो हजार से अधिक छात्रों के नाम पर फर्जीवाड़ा पकड़ में आया हैं। ये सभी छात्र जसपुर, किच्छा, कुंडा, सितारंगज, दिनेशपुर के हैं, जबकि छात्रों को कागज देने के अलावा छात्रवृत्ति मिलने की कोई खास जानकारी ही नहीं है।

एसआईटी सूत्रों के अनुसार, यूएस नगर में सरकारी शिक्षकों में भी करोड़ों रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ। नौकरशाहों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये छात्रों को गुमराह कर रकम हड़प ली, जिसमें 80 सरकारी शैक्षिक संस्थान, 135 निजी शैक्षिक संस्थान हैं। काशीपुर, रुद्रपुर, जसपुर, सितारगंज के अधिकांश निजी शैक्षिक संस्थानों में घोटाला उजागर हुआ है। इस संबंध में उन्हें नोटिस देकर छात्रों की संख्या मांगी जा रही है। इसी क्रम में अब 80 सरकारी शैक्षिक संस्थानों को भी नोटिस भेजने की तैयारी है। बाहरी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों में दर्शाए गए छात्रों के दस्तावेजों के सत्यापन की कार्रवाई अंतिम चरण में है। एसआईटी से जुड़े सूत्रों के अनुसार जसपुर के दर्जनों छात्र दस्तावेजों का सत्यापन करने से बच रहे हैं, जबकि अधिकतर छात्रों ने अपने दस्तावेजों का सत्यापन करा लिया है। सत्यापन नहीं कराने से जांच सुस्त पड़ गई है।

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