इस बार संजीव वापस कांग्रेस में आए तो पांच साल से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में जुटी सरिता की बेचैनी बढ़ गई। अब भाजपा से टिकट की आस के सा उन्होंने भी पाला बदल लिया है। नैनीताल नगर निकाय के चुनाव में जीत के बाद से लगातार राजनीति में सक्रिय सरिता को 2009 में आल इंडिया वूमन कांफ्रेंस का जिलाध्यक्ष बनाया गया था। 2015 में उन्हें महिला कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया। अब दलबदल के बाद यदि भाजपा उन्हें टिकट देती है तो वह उसी कांग्रेस को सीधी टक्कर देंगी, जिसे उन्होंने छोड़ा है। इस राजनीतिक घमासान के बीच नैनीताल सीट पर मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है।