उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में प्रभावित परिवारों को भी मुआवजा देने का पेच फंस गया है। इस मामले में परियोजना निर्माण से संबंधित शिकायतों के निपटारे के लिए गठित ट्रिब्यूनल ने भू स्वामी के अलावा प्रभावितों को भी मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल के इस फैसले ने राज्य सरकार को धर्मसंकट में डाल दिया है। चिंता में डूबी प्रदेश सरकार ने अब इस पेच को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार का सहारा लेने का फैसला किया है।
करीब 16 हजार करोड़ की इस परियोजना को 2025 तक हर हाल मेें पूरा करने का इरादा जाहिर किया जा रहा है। परियोजना को गति देने के लिए मुआवजे के लिए इस परियोजना का निर्माण कर रहे रेल विकास निगम ने करीब 496 करोड़ रुपये का इंतजाम भी किया हुआ है। अब इस मुआवजे को बांटने में ही पेच फंस गया है। रेल परियोजना निर्माण में शिकायतों को निपटाने के लिए गठित ट्रिब्यूनल ने रेल विकास निगम को प्रभावित या हितबद्ध परिवारों को भी मुआवजा देने का आदेश दिया था।
ट्रिब्यूनल के इस आदेश से रेल विकास निगम को अब मुआवजा बांटने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे मुआवजे की राशि तो बढ़ ही जाएगी। साथ ही मुआवजा बांटने में भी अधिक समय लगेगा। इससे सरकार भी खासी चिंतित है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक में इस पर विचार भी किया गया और रास्ता निकालने के लिए केंद्र सरकार का सहयोग लेने का फैसला किया गया।