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उत्तराखंड में रिवर राफ़्टिंग पर्यटन का मुख्य आधार है जिसने विश्व के नक़्शे पर ऋषीकेश की पहचान बनाई है. गंगा के रैपिड पूरे विश्व में अपने रोमांच के कारण जाने जाते हैं. कौड़ियाला से ऋषिकेश तक का 35 किलोमीटर का वाइट रिवर राफ़्टिंग का ट्रैक बेहद ही रोमांच भरा है सूरज की तपिश दिनों दिन बढ़ती जा रही हैण् ऋषिकेश में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया तो समझा जा सकता है गर्मियों की छुट्टियां भी पड़ गई हैं इसे में देश भर से पर्यटक पहाड़ों की ओर आ रहे हैं. एडवेंचर के शौकीन ऋषिकेश में वाइट वाटर राफ़्टिंग के लिए पहुंच रहे हैं. ऋषिकेश में राफ़्टिंग सीज़न पीक पर है और इससे पर्यटन व्यवसाइयों के भी चेहरे खिले हुए हैंए गंगा में राफ़्टिंग करने वाले पर्यटक तो ख़ुश हैं ही. गंगा की लहरों पर सवारी के खेल का नाम है रिवर राफ़्टिंगए जिसका अनुभव एक नया रोमांच दे देता है. उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन की पहचान बन गई रिवर राफ़्टिंग अब नई ऊंचियां छूने लगी है. दिल्ली-हरियाणा से काफी संख्या में पर्यटक ऋषिकेश का रुख करते दिख रहे हैं और राफ़्टिंग का रोमांच उठा रहे हैं. ऋषिकेश की 140 राफ़्टिंग कम्पनियों ने नए सीज़न की शुरुवात पर पर्यटकों को राफ़्टिंग का रोमांच देना शुरु कर दिया है जिसके चलते एक बार फिर गंगा रंग.बिरंगी राफ़्टों से गुलज़ार हो चुकी है और यहां के व्यवसाई इसे बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं. जिसमें वर्ल्ड क्लास 8 रैपिड आते हैं. वीकेंड पर देश के कोने.कोने से पर्यटक इस साहसिक खेल का लुफ्त उठाने के लिए लगातार यहां पहुंच रहे हैं. पर्यटकों की माने तो गंगा में राफ़्टिंग का अपना अलग ही मजा है खासकर गर्मियों में राफ़्टिंग एक बेहद रिफ़्रेशेंग और एडवेंचर्स खेल है.
मैदानी इलाको मे गर्मी बढ़ने से पर्यटक पहाडो की ओर आ रहे है