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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक समिट में कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय राजनीतिक रूप से कठिन हो सकता है परंतु इस फैसले ने जम्मू.कश्मीर और लद्दाख के लोगों में विकास की नई उम्मीद की किरण जगाई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही रेलों की किसानों की मुआवजे की घोषणा हुआ करती थी। हम देश को वादों की राजनीति की बजाए कामकाज की राजनीति की रह मंे ले जा रहे है ।
संसद में कई रेलों की घोषणा की गई परंतु एक भी शुरू नहीं की गई । इन रेलों का कागजों में भी कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि हम पेज छोड़ने वालों में से नहीं बल्कि नया अध्याय लिखने वालों में से हैं। हम देश के सामर्थ्य संसाधन और देश के सपनों पर भरोसा करने वाली सरकार हैं।
हम पूरी ईमानदारी के साथ देशवासियों के उज्जवल भविष्य के लिए देश में मौजूद हर संसाधन का प्रयोग करने का प्रयास कर रहे हैं। भारत पूरे भरोसे के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जुटा हुआ है। यह लक्ष्य अर्थव्यवस्था के साथ ही 1309 करोड़ भारतीयों की औसत आय इज ऑफ लिविंग और उनके बेहतर कल से जुड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में नागरिकता संशोधन विधेयक के संदर्भ में कहा पड़ोसी देशों से आए सैकड़ों परिवार जिन्हें भारत में आस्था थी जब इनकी नागरिकता का रास्ता खुलेगा तो उससे उनका बेहतर भविष्य सुनिश्चित होगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी।