ताजा खबरें >- :
देहरादून रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को उर्दू की जगह संस्कृत में लिखा ‘देहरादूनम्’ ;उत्तराखंड के रेलवे स्टेशनों के उर्दू नाम नहीं हटेंगे

देहरादून रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को उर्दू की जगह संस्कृत में लिखा ‘देहरादूनम्’ ;उत्तराखंड के रेलवे स्टेशनों के उर्दू नाम नहीं हटेंगे

उत्तराखंड के रेलवे स्टेशनों के उर्दू नाम नहीं हटाए जाएंगे। जबकि, पूर्व में रेलवे अधिकारियों ने स्टेशनों के नाम उर्दू को हटाकर संस्कृत में लिखे जाने का दावा किया था। देहरादून रेलवे स्टेशन पर तो शुक्रवार को उर्दू की जगह स्टेशन का नाम संस्कृत में ‘देहरादूनम्’ लिख दिया गया।पूर्व में रेलवे अधिकारियों की ओर से बताया गया था कि रेलवे बोर्ड के नियम के मुताबिक, रेलवे स्टेशनों पर लगे बोर्ड में स्टेशनों के नाम अंग्रेजी और हिंदी के बाद संबंधित राज्य की द्वितीय राजभाषा में दर्ज होता है। उत्तर प्रदेश में रहते हुए उत्तराखंड के स्टेशनों के नाम भी वहां की द्वितीय राजभाषा उर्दू में चल रहे थे। वर्ष 2010 में संस्कृत को उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिला।लक्सर (हरिद्वार) विधायक संजय गुप्ता ने दो महीने पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान दिलाया था। उच्च स्तर से मिले निर्देशों के बाद रेलवे ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर स्टेशनों के संस्कृत नाम की स्पेलिंग संबंधित क्षेत्र के जिलाधिकारियों के माध्यम से बताने का अनुरोध किया।

तीन महीने बाद शनिवार को खुल रहे देहरादून स्टेशन पर तो बाकायदा शुक्रवार को विभिन्न बोर्ड पर हिंदी, अंग्रेजी के बाद संस्कृत में देहरादूनम् लिख दिया गया। जिन बोर्ड पर पहले से उर्दू में लिखा था, उसे पेंट से पाट दिया गया।शुक्रवार देर शाम उत्तर रेलवे नई दिल्ली के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार की ओर से मीडिया को स्पष्टीकरण जारी किया गया। इसमें दावा किया कि भारतीय रेलवे ने किसी भी स्टेशन से न तो उर्दू भाषा को हटाया है और न ही ऐसा करने का कोई इरादा है।संस्कृत भाषा को रेलवे स्टेशनों पर लगे साइन-बोर्डों पर एक अतिरिक्त भाषा के रूप में लिखा जा सकता है, लेकिन इसे उर्दू भाषा को हटाकर नहीं लिखा जाएगा। नए आदेश मिलने के बाद दून स्टेशन पर भी उर्दू नाम को फिर से लिखने की तैयारी है। स्टेशन निदेशक गणेश चंद ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।

Related Posts