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प्रधानमंत्री इमरान ख़ान परमाणु हथियार छोड़ने के लिए तैयार, लेकिन भारत को करना होगा ऐसा

प्रधानमंत्री इमरान ख़ान परमाणु हथियार छोड़ने के लिए तैयार, लेकिन भारत को करना होगा ऐसा

इमरान ख़ान प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अमरीका गए हैं. सोमवार को दोनों राष्ट्राध्यक्षों की व्हाइट हाउस में मुलाक़ात हुई.इमरान ख़ान ने कहा पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु युद्ध का आइडिया ख़ुद से ख़ुद को बर्बाद करना होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों देशों के बीच ढाई हज़ार मील की सीमा लगती है.इमरान ख़ान ने कहा परणाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं है. पीएम ख़ान ने कहा कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध पूरे उपमहाद्वीप के लिए ख़तरनाक होगा. ख़ान ने कहा कि फ़रवरी में दोनों देशों के बीच जो कुछ भी हुआ उसके बाद से सरहद पर तनाव है.

इमरान ख़ान ने कहा कि दोनों देशों के बीच पिछले 70 सालों में कश्मीर ही एक ऐसा मुद्दा है जिसके चलते एक सभ्य पड़ोसी की तरह नहीं रह पा रहे हैं.बेयर ने ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान पर भारत की प्रतिक्रिया का भी ज़िक्र किया, जिसमें भारत ने ट्रंप के उस बयान को सिरे से बहिष्कृत कर दिया है कि कश्मीर मामले में किसी तीसरे पक्ष की ज़रूरत नहीं है.इस पर इमरान ख़ान ने कहा कि भारत पहले बातचीत की टेबल पर तो आए. ख़ान ने कहा कि अमरीका इसमें सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है.

कि इमरान के इस दौरे में अमरीका का मुख्य एजेंडा अफ़ग़ानिस्तान है जहां वो पिछले 18 सालों से एक संघर्ष में शामिल है जिसे अब तक अंजाम तक नहीं पहुंचा पाया है. दूसरी तरफ़ इमरान ख़ान चाहते हैं कि अमरीका ने सैन्य और आर्थिक मदद जो रोक दी थी उसे बहाल करे.

दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों का समृद्ध इतिहास रहा है लेकिन ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से चीज़ें पूरी तरह से बदल गई हैं.अमरीका की शिकायत है कि पाकिस्तान आर्थिक और सैन्य मदद लेता रहा लेकिन उसने आतंकवाद के ख़िलाफ़ कुछ नहीं किया.

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