सरकार के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के एकीकरण के आदेश का जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने विरोध किया है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों की राय लिए बिना विभाग इस आदेश को जारी करेगा तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।संघ के अध्यक्ष विनोद थापा ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निजी सचिव ने हाल ही में सचिव शिक्षा को 10 से कम छात्रसंख्या वाले प्राथमिक व जूनियर स्कूलों को एक करने के संबंध में पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर पर इस आदेश के लागू होने से छात्रों व शिक्षकों के सामने समस्याएं खड़ी होंगी। एक विद्यालय का दूसरे में शामिल होने से वहां के दो-दो प्रधानाचार्य किस पद पर रहकर सेवा देंगे।
एकीकरण होने से प्रधानाचार्यों को दूसरी जगह भेजने के लिए विद्यालय भी नहीं बचेंगे। इसके साथ ही अतिरिक्त कक्षों की जरूरत पड़ेगी, जिनका कम समय में निर्माण संभव नहीं हो पाएगा। संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत एक किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय, तीन किलोमीटर की दूरी पर जूनियर हाई स्कूल जबकि पांच किलोमीटर की दूरी पर हाईस्कूल का होना आवश्यक है। एकीकरण की प्रक्रिया में इस नियम का भी उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को बीते एक वर्ष से शिक्षक केंद्रीय विद्यालयों की तरह त्रिस्तर कैडर लागू करने का सुझाव दे रहे हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई जवाब नहीं मिला। कहा कि यदि विभाग एकीकरण का आदेश जारी करता है तो सभी जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत शिक्षकों को एलटी में समायोजित किया जाए।
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