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कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी शुरू,  हरीश रावत ने  गुटबाजी या वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज किया

कांग्रेस के नये अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी शुरू, हरीश रावत ने गुटबाजी या वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज किया

पिछले कुछ समय से आंतरिक मतभेदों और चुनावों में कमजोर प्रदर्शन की चुनौतियों से जूझ रही कांग्रेस में नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच पार्टी के नये अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने यह जानकारी देते हुए पार्टी में गुटबाजी या वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले दिनों पार्टी नेताओं के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू कर दिया है। पार्टी के चुनाव से जुड़ी बातचीत का यह सिलसिला जारी रह सकता है। माना जा रहा है कि तेलंगाना, पंजाब और गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं।

इधर, पार्टी महासचिव हरीश रावत ने कहा- ‘पार्टी के सीनियर और यंग लीडर्स के बीच मतभेद की खबरों का कोई आधार नहीं है। कांग्रेस में हर नेता के सुझावों और राय को अहमियत दी जाती है। हम अलग राय रखने वाले नेताओं का भी सम्मान करते हैं।’ हरीश रावत के मुताबिक, पिछले शनिवार को हुई मीटिंग में दो समाधान निकले।

रावत ने कहा- ‘इस तरह की अफवाहें हैं कि पार्टी के सीनियर लीडर्स नाराज हैं। उन्हें ग्रुप-23 तक कहा जा रहा है। लेकिन, मैं साफ कर दूं कि ग्रुप-23 जैसी कोई चीज नहीं है। यह केवल मीडिया के दिमाग की उपज है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि ये नेता परिवार का हिस्सा हैं। उन्होंने जो कुछ कहा है वो पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का हिस्सा है। हम उसका सम्मान करते हैं।’
नाराज नेताओं के बारे में पूछे गए एक सवाल पर हरीश रावत ने कहा- ‘वरिष्ठ नेताओं ने कुछ सुझाव दिए हैं। उनके आधार पर हमने कुछ कमेटियां बनाई हैं। इसके अलावा हमने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस बात में कोई दम नहीं कि पार्टी में युवा बनाम वरिष्ठ जैसी कोई जंग चल रही है।’

रावत ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी सीनियर नेताओं की राय को तवज्जो नहीं देते। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा- ‘राहुल गांधी सीनियर नेताओं के खिलाफ नहीं हैं। वे उनका सम्मान करते हैं क्योंकि इन नेताओं ने उनके पिता राजीव गांधी के साथ भी काम किया है।’

पार्टी में संवाद की कमी के सवाल पर रावत ने कहा- ‘यह पहली मीटिंग नहीं है। हम वर्चुअल मीटिंग्स करते रहे हैं। स्टेट और सेंट्रल लीडरशिप के बीच भी मीटिंग्स होती रहती हैं। इस बार सोनिया चाहती थीं कि वे खुद नेताओं से मिलें। इसलिए सभी नेता आ रहे हैं और सोनिया उनसे मिल रही हैं। सबके विचारों को सुना जा रहा है। देश को कांग्रेस की जरूरत है और हम इसीलिए पार्टी को मजबूत कर रहे हैं।’

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