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उत्तराखंड शासन ने ऊधमसिंह नगर में एनएच 74 के चौड़ीकरण के दौरान बिजली पोल में हुए घोटाले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। अपर सचिव ऊर्जा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी को जांच अधिकारी बनाया गया है। उन्हें 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस संबंध में सचिव ऊर्जा राधिका झा ने आदेश जारी करने की पुष्टि की है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बिजली पोल घोटाले की शिकायत सतर्कता विभाग से की गई थी। विभाग के निदेशक ने आठ मार्च 2019 को घोटाले की जांच को लेकर शासन को पत्र लिखा। उनके पत्र पर संयुक्त सचिव सतर्कता ने सचिव ऊर्जा को पत्र भेजा। उनके पत्र पर सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बिजली की लाइन शिफ्ट करने में हुई गड़बड़ी की विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए।
एनएच 74 करीब 400 करोड़ रुपये के भूमि मुआवजा घोटाले को लेकर सुर्खियों में रहा है। इस नेशनल हाईवे पर खटीमा-पानीपत के मध्य मार्ग चौड़ीकरण के दौरान बिजली के पोल हटाए गए। भारतीय राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण (एनएचआई) के नियमों के अनुसार, पुरानी लाइन और पोल के स्थान पर नए तार व पोल लगाए जाने थे।इसके लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन (यूपीसीएल) ने एक कंपनी को करीब 60 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। आरोप है कि ठेकेदार कंपनी ने नए तार व पोल लगाने के स्थान पर पुराने पोल और पुरानी तारों का इस्तेमाल कर करोड़ों का चूना लगाया।
इस मामले में यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने कुमाऊं के मुख्य अभियंता को भी जांच सौंपी थी। लेकिन अब शासन को जिन हालातों में विभागीय जांच के आदेश जारी करने पड़े, उससे साफ हो गया कि मामले में अभी तक जांच के नाम पर लीपापोती ही होती रही।मैंने विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मामले में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।