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स्वास्थ्य विभाग में 600 पदों पर संविदा फार्मासिस्टों की भर्ती पर अंतिम निर्णय कैबिनेट लेगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। पिछली सरकार ने फार्मासिस्टों के 600 पदों पर संविदा नियुक्ति का निर्णय लिया था। 5 हजार से अधिक बेरोजगारों ने इन पदों के लिए आवेदन भी किया। मगर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही राज्य में भाजपा की सरकार आ गई। सरकार ने भर्ती आगे नहीं बढ़ाई। लंबे आंदोलन के बाद भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो बेरोजगार फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने नैनीताल हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भर्ती पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए। लेकिनए अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। वहींए नैनीताल हाईकोर्ट से जारी आदेश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय ने शासन से दिशा-निर्देश मांगे तो अब यह पूरा प्रकरण कैबिनेट में लाए जाने का निर्णय लिया गया। शासन के सूत्रों ने बताया कि आगामी कैबिनेट में यह मामला जल्द ही आएगा।
बेरोजगार एलोपैथी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को जान.बूझकर लटका रही। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं से हजार-हजार रुपये का आवेदन शुल्क लेने के बावजूद खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि भर्ती पर जल्द निर्णय नहीं लिया तो बेरोजगार फार्मासिस्ट एक बार फिर आंदोलन करेंगे ।
देहरादून लेखा परीक्षा सेवा संघ सोमवार से शुरू हो रहे ऑनलाइन ऑडिट का बहिष्कार करेगा। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि कर्मचारी सिर्फ मैन्युअल ऑडिट करेंगेए लेकिन ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर काम नहीं किया जाएगा। उन्होंने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ज्ञापन भेज सभी मांगों पर कार्रवाई की मांग की है। ऐसा न होने पर एक जून के बाद आमरण अनशन की चेतावनी दी। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से हस्तक्षेप करने की मांग भी उठाई।