ताजा खबरें >- :
राजभवन में शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह माहौल हल्का-फुल्का और खुशनुमा; जाने पूरी खबर

राजभवन में शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह माहौल हल्का-फुल्का और खुशनुमा; जाने पूरी खबर

कैबिनेट मंत्रियों में सबसे पहले शपथ लेने वाले सतपाल महाराज का अंदाजे-बयां बिल्कुल अलहदा रहा। सिर पर पीली-लाल पगड़ी बांधकर समारोह में पहुंचे महाराज शुक्रवार को ज्यादा आत्मविश्वास में दिखाई दिए। समारोह स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सबसे पहले महाराज से मुलाकात की। दोनों ओर से अभिवादन के अंदाज में सियासत की नई जुगलबंदी साफ झलकी। मुख्यमंत्री सौम्य और आदर भाव से महाराज के साथ कुछ देर तक बतियाते रहे।

राजभवन में शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह की अवधि महज 20 मिनट रही। इस दौरान पूरा माहौल हल्का-फुल्का और खुशनुमा रहा। समारोह में पहुंचते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आत्मीय तरीके से भेंट की तो पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी बेतकल्लुफ होकर बातचीत का रस लिया। पूर्व भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत से मिलकर नए अध्यक्ष मदन कौशिक ने बधाई दी।नए बने मंत्रियों में उत्साह, जोश से ओतप्रोत भाव-भंगिमा तो विधायकों के हाव-भाव में हिलोरे ले रहीं नई उम्मीदें, टीम तीरथ के बहाने प्रदेश में लिखी गई सियासत की नई पटकथा बांचती दिखाई दी।

शुक्रवार को राजभवन में नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मंत्री परिषद गठन के समारोह को महज रस्म अदायगी तक सीमित रखने के बजाय उल्लास का संदेश देने का भरपूर प्रयास हुआ।शपथ लेने वालों में त्रिवेंद्र सरकार के सात पुराने मंत्री रहे हैं। शपथ लेने के बाद उत्साह में दिखाई दे रहे इन सभी मंत्रियों ने पिछली त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में किए गए उल्लेखनीय कार्यों को बताने में कोई चूक नहीं की। इसे मंत्रिपरिषद के रिक्त पदों को भरने से पैदा आत्मविश्वास कहें या मंत्री पद बरकरार रहने की खुशी, उक्त सभी मंत्रियों की की बाडी लैंग्वेज में दबाव की जगह अधिक खुलापन दिखा। इसे छिपाने का प्रयास भी किसी ने नहीं किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी छोड़कर कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले बंशीधर भगत के सामने अपनी नई सियासी पारी को बेहतर ढंग से अंजाम देने की चुनौती है। भगत अपने जिस बेफिक्री अंदाज के लिए जाने जाते हैं, मंत्री बनने के बाद उसमें अलग रंग दिखाई दिया। इसे बयां करते हुए वह ये कहने से नहीं चूके कि पहले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने में कसर नहीं छोड़ी, अब 2022 की चुनौती को ध्यान में रखकर मंत्री पद का दायित्व निभाएंगे।

Related Posts